यूपी की राजधानी लखनऊ में ठाकुरगंज के भुहर पुल के नीचे 25 जुलाई की रात कपड़ा कारोबारी महेंद्र मौर्या उर्फ पुष्कर मौर्या (28) की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने रविवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से एक कार व बाइक बरामद की है जो वारदात में इस्तेमाल की गई थी। पुलिस मुख्य आरोपी समेत चार लोगों की तलाश कर रही है। पुलिस के मुताबिक, वारदात एकतरफा प्यार में अंजाम दी गई थी। हत्या में शामिल मुख्य आरोपी, मृतक की पत्नी से एकतरफा प्यार करता था। उसने कई बार धमकी भी दी थी।
डीसीपी पश्चिम एस. चिनप्पा के मुताबिक, हत्या में शामिल दो आरोपियों मलिहाबाद के अहमदाबाद कटोरी चिहुंटा का सतीश गौतम उर्फअनुज और काकोरी के सैफलपुर का मुकेश रावत को ठाकुरगंज पुलिस ने घैला पुल के पास से पकड़ा है। दोनों ने वारदात की पूरी जानकारी दी है। बताया कि वारदात के समय सतीश गौतम, आरोपी संजय के साथ पुल के नीचे मौजूद था। वहीं मुकेश रावत ने दूसरे साथी दिनेश के साथ बाइक से महेंद्र के रिंग रोड स्थित उसके कपड़े के शोरूम से पीछा किया था। उसने वारदात स्थल पर पहुंचने से पहले ही अपनी गाड़ी की रफ्तार बढ़ाई और आगे लगा दिया। इसी बीच भुहर पुल के नीचे पहले से मौजूद अन्य साथियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर महेंद्र को मौत के घाट उतार दिया।
डीसीपी के मुताबिक, महेंद्र की शादी 25 जनवरी 2022 को हुई थी। चोर घाटी सआदतगंज का रहने वाला संजय मौर्या, महेंद्र की पत्नी से प्यार करता था। दोनों में अच्छी दोस्ती की बात सामने आई है। संजय, महेंद्र की पत्नी का करीबी रिश्तेदार भी है। दोनों का रिश्ता मामा-भांजी का है लेकिन इसके बाद भी संजय, महेंद्र की पत्नी से शादी करना चाहता था। जानकारी होने पर संजय के परिवारीजनों ने उसकी शादी दूसरी जगह करा दी थी। वहीं इसी बीच महेंद्र की शादी संजय की तथाकथित प्रेमिका से हो गई। यह बात संजय को नागवार गुजरी। एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा के मुताबिक, पूछताछ में सामने आया है कि संजय और महेंद्र के बीच कुछ दिन पहले आगरा एक्सप्रेस-वे पर विवाद हुआ था। इस दौरान महेंद्र ने संजय को चेतावनी दी थी कि वह उसकी पत्नी के रास्ते से हट जाए। इसके बाद संजय ने महेंद्र की हत्या की योजना बनाई। संजय ने अपने मित्र सतीश गौतम उर्फ अनुज व मुकेश रावत को रेकी के लिए लगा दिया था।
पिता से बोला, तुम्हारी विधवा बहू से करूंगा शादी
महेंद्र के पिता रोशनलाल ने पुलिस को बताया कि संजय ने उनको फोन पर धमकी दी थी और कहा था कि वह महेंद्र की हत्या करने के बाद उसकी विधवा बहू से शादी करेगा। इस बात की पुष्टि पुलिस के सामने महेंद्र की पत्नी ने भी की है।
हत्या के लिए शातिर अपराधी की कराई जमानत
एसीपी चौक आईपी सिंह के मुताबिक, वारदात को अंजाम देने के लिए संजय ने बाराबंकी जेल में बंद अपने दोस्त ज्ञान सिंह यादव उर्फज्ञानी से जाकर मुलाकात की। वहां बातचीत के बाद उसकी जमानत का पूरा इंतजाम संजय ने ही किया। जमानत कराने के बाद महेंद्र की हत्या की सुपारी दी थी।
छह ने मिलकर की हत्या, चार की तलाश
एसीपी चौक आईपी सिंह के मुताबिक, महेंद्र की हत्या के लिए संजय मौर्या ने पांच अन्य अपराधियों का साथ लिया। इसमें शूटर सलेमपुर पतौरा का ज्ञान सिंह यादव उर्फ ज्ञानी, बुद्घेश्वर भपटामऊ का दिनेश सिंह ठाकुर, मलिहाबाद के चिहुंटा का सतीश गौतम उर्फ अनुज, दुबग्गा के अवध एन्क्लेव का शनि कश्यप उर्फ कुलदीप कश्यप और सैफलपुर का मुकेश रावत शामिल रहे। इसमें मुकेश और सतीश का काम महेंद्र की रेकी करना था। वहीं दिनेश सिंह ठाकुर का परिचयपत्र प्रयोग कर नया सिम जारी कराया गया ताकि पुलिस न पकड़ सके। शनि कश्यप को इसके लिए रुपये दिए गए थे कि यदि वारदात के दौरान कोई विरोध होता है तो उसे वह संभालेगा। वारदात के समय संजय, सतीश, ज्ञान और शनि भुहर पुल केनीचे पहले से इंतजार कर रहे थे। मुकेश व दिनेश ने महेंद्र का पीछा उसकी दुकान से शुरू कर पल-पल की खबर उन्हें दी।
संजय व ज्ञानी ने बरसाई थीं गोलियां
एसीपी चौक के मुताबिक, पुल के पास पहुंचते ही मुकेश व दिनेश ने महेंद्र की कार को ओवरटेक किया। फिर बाइक आगे जाकर तिरछी लगा दी। इसके बाद संजय व ज्ञानी ने दोनों तरफ से घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी जिससे महेंद्र की मौत हो गई। इसके बाद सभी आरोपी भाग निकले। पुलिस के मुताबिक, अभी इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी संजय, ज्ञान सिंह यादव उर्फज्ञानी, दिनेश सिंह ठाकुर व शनि कश्यप की तलाश की जा रही है।