जांजगीर जिला के पामगढ़ का ग्राम पंचायत बारगांव बाढ़ जैसे हालात बन गए है | खेत, सड़क, मैदान और घर नहर के पानी से लबालब हो गए है | सप्ताहभर से नहर से पानी रीस रहा था| सूचना के बाद भी नहर विभाग के अधिकारी इसे नजर अंदाज करके चले गए | इस हालत में किसानों की फसल चौपट हो गई | जिन घरो में पानी भरा है, उनका जीना मुहाल हो गया है | घटना पामगढ़ मुख्यालय से महज कुछ ही दूर गांव की है |
ग्रामीणों ने मीडिया को बताया की सप्ताह भर पहले से बड़ी नहर का एक हिस्सा रिसने लगा था| जिसकी सूचना ग्रामीणों ने नहर विभाग के अधिकारियो को दी | अधिकारी मौके पर पहुंचे और क्षेत्र का मुआयना भी किए, लेकिन कुछ किए बिना ही वापस लौट गए | जिसका खामयाजा रविवार की देर शाम से पूरा गांव भोग रहा है | अब जब अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे है, लेकिन कोई सार्थक जवाब नहीं मिल रहा है | इतनी बड़ी घटना घट जाने के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं |
ग्रामीणों ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा की सप्ताह भर पहले नहर के रिसने की सूचना दी गई थी तब अगर पानी का बहाव कम कर दिया होता तो आज ये नौबत नहीं आती, नहर फूटने की जानकारी देने के बाद भी नहर का बहाव कम नहीं किया गया | इस वजह से पानी तेज बहाव से खेतों में आया जिससे पूरी फसल चौपट हो गई | अभी तक पानी का तेज़ बहाव जारी है | जो चिंता का विषय बना हुआ है |
ग्रामीणों ने बताया की आधा दर्जन घरों में भी कई फ़ीट तक पानी घुस गया है | जिसकी वजह से घर में रखे सामान, आनाज और अन्य चीजें ख़राब हो गई है | ग्रामीण रात भर घर के सामान को बचाने की जुगत में लगे रहे | अभी हालात यह है की ग्रामीण अपने परिवार के साथ भूखे पेट पानी हटने का ईंतजार कर रहे हैं |
बारगांव के सरपंच प्रतिनिधि शिवनारायण कश्यप ने इस पूरी घटना के लिए नहर विभाग के अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया है| साथ ही उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग की है |
आपको बता दे सप्ताह भर से प्रतिदिन हो रही बारिश से नदी नाले उफान पर है| वही खरीब फसल के लिए हसदेव नदी से छोड़े जाने वाली नहर भी लबालब बह रही है| इस वजह से कुछ ही घंटो में पानी पुरे गांव में पहुंच गया | जिससे ग्रामीणों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है |