रायपुर में डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत हो गई है। मोवा निवासी नंदलाल साहित्य नाम के बुजुर्ग ने अपने परिजन का इलाज डॉ हर्षित गोयनका से करवाया। नंदलाल ने डॉ हर्षित पर इलाज में लापरवाही बरतने और मरीज को गंभीर अवस्था में ले जाने का आरोप लगाया था। नंदलाल ने बताया कि तीन-चार महीनों से उनके परिवार की महिला चल-फिर नहीं पा रहीं थीं। उनकी रीढ़ में समस्या थी। डॉ हर्षित ने कहा कि रीढ़ में पस है इसका इलाज कर दूंगा। अब उनकी मौत हो गई।
नंदलाल ने बताया कि डॉक्टर हर्षित ने पहले चेकअप किया। हम मरीज को घर ले आए इसके बाद डॉक्टर हमें ऑपरेशन करवा लेने के लिए कॉल करते रहे। मरीज की स्थिति देखने के बाद भी हमसे डॉक्टर ने कहा कि मुझ पर विश्वास करो दो तीन दिन में आपकी मरीज चलने लगेगी। पहले डॉक्टर ने डेढ़ लाख फीस बताई। मरीज की सर्जरी से पहले जांच कराने पर कहा- इन्हें तो हेपेटाइटिस है, अब पैसे ज्यादा लूंगा। एक और जांच की और कहने लगे कि मरीज को पेशाब में इन्फेक्शन है और ज्यादा पैसे लगेंगे।
परिवार डॉक्टर हर्षित की बात मानता गया। 2 लाख 14 हजार सर्जरी के बाद डॉक्टर ने मांगे। मगर बात 2 लाख में तय हुई। इसके बाद उन्होंने मरीज की इन बीमारियों और इन्फेक्शन के बावजूद सर्जरी की। टांके खुलवाने के लिए 15 दिन बाद आने को कहा। जब परिजन टांके खुलवाने गए तो डॉक्टर ने कह दिया मरीज को इन्फेक्शन हो गया था। बीपी लो है, इन्हें दूसरे अस्पताल ले जाएं हमारे पास सुविधा नहीं थी।
नंदलाल ने मांग की है कि ऐसे चिकित्सकों पर कार्रवाई होनी चाहिए। नियमों का हवाला देकर ऐसे चिकित्सक बच जाते हैं। आखिर मरीज के प्रति इनकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। इस पूरे मामले पर मिडिया ने डॉ हर्षित से भी बात की, उन्होंने कहा- ऐसी कोई बात नहीं है, मैं इस पर बाद में बात करूंगा।