जानकारी के अनुसार, शनिवार की सुबह सबलगढ़ तहसील के रायडी-राधेन घाट पर चम्बल नदी पार करते समय 17 श्रद्धालु पानी में बह गए थे, इनमें से 10 लोग किसी तरह से पानी में तैरते हुए राजस्थान और कुछ लोग वापस रायडी-राधेन घाट पर सकुशल आ गए थे. वहीं 7 लोग पानी में समा गए. काफी देर बाद मौके पर पहुंची गोताखोरों की टीम ने कुछ घंटे की मेहनत के बाद 2 शव पानी से बाहर निकाल लिए. मृतकों के नाम देवकीनंदन कुशवाह और कल्लो कुशवाह नाम बताये गए थे. लापता सहित सभी लोग शिवपुरी जिले के ग्राम चिलावत थाना तेंदुआ के रहने वाले हैं. उन्हें ढूढने के लिए गोताखोरों की टीम रेस्क्यू करने में जुटी रहीं.
उधर इस घटना की खबर लगते ही जिला कलेक्टर अंकित अष्ठाना, एएसपी, एडीजी के अलावा बीजेपी नेता कमल रावत और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामनिवास रावत भी मौके पर पहुंच गए. शिवपुरी और श्योपुर का पुलिसफोर्स भी मौके पर पहुंच गया है. गौरतलब है कि दोपहर मे कलेक्टर और ASP ने तीन शव बाहर निकालने की पुष्टि की थी, लेकिन गोताखोरों की टीम सिर्फ दो शव पानी से बाहर निकाल पाई थी. चूंकि चम्बल में मगरमच्छों की मौजूदगी होने से मुरैना व करोली की रेस्क्यू टीम को परेशानी आ रही थी, इसलिए ग्वालियर व दिल्ली से एनडीआरएफ की विशेष प्रशिक्षित टीमें मुरैना पहुंचीं और चम्बल में करीब 25 किलो मीटर दूर तक के एरिया में सर्चिंग कर रही हैं, इस दौरान एक महिला का शव बरामद हो गया है.
ये सभी शिवपुरी जिला मुख्यालय से लगभग 22 किलोमीटर दूर चिलवाड़ा गांव के रहने वाले हैं और राजस्थान के करौली जिले में कैला देवी मंदिर जा रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि पुलिस और राजस्थान के बचावकर्मी भी लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। चंबल नदी मध्य प्रदेश और राजस्थान से होकर गुजरती है। मुरैना, श्योपुर और शिवपुरी जिले के लोग चंबल नदी पार कर राजस्थान में आते-जाते हैं।