बड़वानी
नर्मदा किनारे डूब क्षेत्र के समीप मोहीपुरा गांव में तेंदुए का एक शावक मिला। लोगों ने उसका वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित किया है। वनरक्षक अनिल चोंगड़े ने बताया कि नर्मदा के किनारे झाड़ियों के बीच लगभग 4-5 दिन का तेंदुए का शावक नजर आया है, जिसकी सूचना वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई है।
मादा तेंदुए का इंतजार
मादा तेंदुए को लेकर रेस्क्यू जारी रहा। वनकर्मी दिनभर मादा तेंदुए का इंतजार करते रहे। रेंजर गुलाबसिंह बर्डे के अनुसार तेंदुए के शावक की वेनकर्मी निगरानी कर रहे हैं। मादा तेंदुए का इंतजार है। यदि एक दो दिन में मादा तेंदुआ शावक को उठाकर नहीं ले जाती है तो फिर इंदौर रालामंडल की टीम को अवगत कराकर रेस्क्यू के लिए बुलाया जाएगा, ताकि शावक को रालामंडल पहुंचाया जा सके।
बड़वानी में मानसून भी मेहरबान
बीते मार्च माह से लेकर जून माह की अवधि में चार माह तक भीषण गर्मी से निमाड़-अंचल का जनजीवन काफी बेहाल रहा। विशेषकर मई व जून में तो गर्मी ने बीते कई वर्षों का रिकार्ड तोड़ते हुए क्षेत्र में लगातार तीन दिन तक अधिकतम तापमान 46 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया। वहीं अब जुलाई माह के पहले सप्ताह में जिले में मानसून मेहरबान होने लगा है। पहाड़ों पर हरियाली छाने लगी है। मानसून के सीजन के पहले रविवार को पहाड़ों की हरियाली और प्रकृति के नजारों को निहारने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटन जिले के पर्यटन स्थलों पर पहुंचे। बावनगजा, बंधान, आमल्यापानी, राजघाट सहित अन्य स्थलों पर रविवार को पर्यटकों का जमावड़ा रहा। लोगों ने प्रकृति के नजारों के साथ सेल्फी ली और परिवार संग पिकनिक मनाई।
रिमझिम व रुक-रुककर होने वाली वर्षा से शहर व क्षेत्र के आसपास पहाड़ियों पर हरियाली छाने लगी है। वहीं आसमान से लेकर पहाड़ों पर बादल उतरने के दृश्य सुकून देने लगे है। कृषि विज्ञान केंद्र के अनुसार शुक्रवार का अधिकतम तापमान 30.6 और 27.7 डिग्री दर्ज किया गया। बता दें कि इस वर्ष फरवरी माह में ही 30 डिग्री तक दिन का तापमान रहा था। इसके बाद मार्च से लेकर जून माह तक दिन का तापमान 35 से 46 डिग्री के बीच रहा। इससे जनजीवन भीषण गर्मी से जूझा। गत जून के आखिरी दिनों में तापमान में कमी आई। वहीं अब जुलाई में मानसून के सक्रिय होने पर तापमान लुढ़कने लगा है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार जिले में अभी मानसून सक्रिय है, रुक-रुककर अलग-अलग स्थानों पर का दौर जारी रहेगा।