‘लाडकी बहिन’ के बाद महाराष्ट्र में जल्द शुरू हो सकती ‘लाडकी सुनबाई योजना’, डिप्टी CM ने दिया संकेत

मुंबई
महाराष्ट्र की बीजेपी नीत महायुति सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना’ ने लाखों महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया है। इस योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की पात्र महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये मिलते हैं। माना जा रहा है कि इस योजना ने 2024 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी।

अब राज्य सरकार आगामी निकाय चुनाव को देखते हुए एक और नई योजना लाने की तैयारी में है। चर्चा है कि सरकार ‘लाडकी सुनबाई योजना’ शुरू करने पर विचार कर रही है और इसकी औपचारिक घोषणा उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जल्द कर सकते हैं।

हालांकि इस पर उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजित पवार ने साफ कहा है कि फिलहाल ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा, जब भी सरकार कोई फैसला लेगी, वह पहले कैबिनेट में पारित होगा और फिर मीडिया के जरिए पूरे महाराष्ट्र को जानकारी दी जाएगी। अजित पवार ने यह भी जोड़ा कि सरकार हमेशा जनता के हित में सकारात्मक निर्णय लेने के लिए तैयार रहती है, लेकिन अभी तक लाडकी सुनबाई योजना जैसी किसी योजना को लेकर कोई औपचारिक निर्णय नहीं लिया गया है।

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इस बयान के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वास्तव में स्थानीय चुनावों से पहले महिलाओं के लिए महायुति सरकार दूसरी बड़ी आर्थिक सहायता योजना की घोषणा करती है या नहीं।

गौरतलब हो कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना (Ladki Bahin Yojana) पिछले साल जुलाई में शुरू की गई थी और पात्र महिलाओं के खातों में जुलाई 2025 तक 13 किस्तों के कुल 19,500 रुपये जमा किए जा चुके हैं। इस बीच राज्य सरकार ने लाडकी बहीन योजना (Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana) के लगभग 26 लाख संदिग्ध लाभार्थियों की घर-घर जाकर जांच करने के आदेश दिए हैं। इसके तहत आवेदनों का भौतिक सत्यापन आंगनवाड़ी सेविकाओं के माध्यम से किया गया।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने संदिग्ध अपात्र आवेदकों की एक सूची तैयार की है और जमीनी स्तर पर जांच शुरू की गई है। पात्र और अपात्र तय करने के लिए आंगनवाड़ी सेविकाएं आयु सीमा, दस्तावेजों की सत्यता, निवास प्रमाणपत्र, टीसी आदि की जांच करेंगी। अगर एक घर में तीन या उससे अधिक आवेदक हैं, तो केवल दो महिलाओं को पात्र मानकर अन्य को अपात्र घोषित किया जाएगा। अपात्र पाए जाने पर लाभ तुरंत रोक दिया जा रहा है।

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