Johar36garh (Web Desk)| छत्तीसगढ़ जांजगीर जिला के पामगढ़ ब्लॉक के भिलौनी और बिलासपुर जिला मस्तुरी ब्लॉक के टांगर के 32 मजदूर गुजरात अहमदाबाद थाना दसकोई गांव मुआड़ी के ईट भट्टे में फसे हुए हैं, और ये सभी लोग राशन की समस्या से जूझ रहे हैं| उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन से वीडियो के माध्यम से मदद की गुहार लगाई है |
यहां फसे लोगों ने Johar36garh News को फोन माध्यम से जानकारी दी की उनकी स्थिति बहुत ख़राब है | वे छोटे-छोटे बच्चों को लेकर यहां रोजी रोटी की तलाश में आए हुए है, उनके सामने अब राशन की समस्या खड़ी हो गई है | ईंट भट्टे का मालिक राशन नहीं दे रहा है और नहीं उनकी मजदूरी दे रहा है | उनके पास जो पैसे थे वह भी ख़त्म हो गया है | राशन और मजदूरी को लेकर ईंट भट्ठा के मलिक मनीष प्रजापति, हिम्मत प्रजापति और ताजी प्रजापति से अक्सर विवाद हो रहा है, वे पैसा नहीं होने की बात कहकर बात टाल देते है, देश में लॉक डाउन की स्थिति है, उनके गांव वापस आने का कोई साधन नहीं है और पैसे भी खत्म हो चुके है|
छत्तीसगढ़ शासन से गुहार
उन लोगों ने छत्तीसगढ़ शासन से मदद की गुहार लगाई है, उनका कहा की उन्हें राशन की ब्यवस्था करा दे, वे वही पर ही रहने को तैयार है या फिर हमें कोई वाहन की ब्यवस्था करा दे जिससे वे वापस घर पहुंच सके |
शासन से नहीं मिली मदद
मजदूरों ने बताया की यहाँ के शासन के लोग यहाँ आते है और नाम लिखकर चले जाते है, पिछले 4 सप्ताह गुजर गए हैं लेकिन आज तक हमे किसी प्रकार से शासन की ओर से न ही राशन मिला है और ना ही कोई मदद मिली हैं |
भगा देता है लेबर ठेकेदार
इन सभी मजदूरों को वहाँ ले जाने वाला पामगढ़ के बोरसी गांव का रहने वाला राम दुलार टण्डन है, जो आस-पास के भट्ठे में ही काम करता है | उनसे भी इन लोगों ने शिकायत की, लेकिन वो इनकी नहीं सुनता और लॉक डाउन का हवाला देकर भगा देता है |
सैकड़ों की संख्या में है मजदूर
उन्होंने बताया की यहाँ पर आस-पास में छत्तीसगढ़ के सैकड़ों मजदूर काम करने के लिए आए हुए है जो आस-पास के ईंट भठ्ठे में काम करते हैं| उन लोगों को भी इसी तरह की समस्या से गुजरना पड़ रहा है | किसी-किसी परिवार को कुछ मदद मिल रही है लेकिन अधिकांश लोगों की हालत ख़राब है |
32 लोगों में 4 सप्ताह बाद दिया सिर्फ 10 किलो चांवल
4 सप्ताह बाद आज शुक्रवार को 32 लोगों में 10 किलो चावल दिया है, इसके साथ 1 किलो दाल, आधा किलो चना, 1 किलो तेल, 1 शक़्कर देकर चला गया | 32 लोगों में यह राशन कितने दिनों तक जायेगा | इस बात पर ईंट भठ्ठा मालिक से बात की गई तो उन्होंने राशन को तालाब में फेक देने की बात कह दिया |
दूसरे भठ्ठे काम करके पैसे की ब्यवस्था
उन लोगों ने बताया की इस भठ्ठे मालिक ने पैसा नहीं देने पर वे आस-पास के भठ्ठे में जाकर कर काम करते हैं जहां उन्हें तत्काल पैसा मिल जाता है | इसी तरह से वे काम चला रहे हैं, लेकिन वहां पर भी उन्हें आधा ही पैसा मिलता है |
14 छोटे-छोटे बच्चे शामिल
32 लोगों के बीच 14 छोटे-छोटे दुधमुँहे बच्चे भी शामिल है| जिन्हें अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वीडियो में महिलाओं ने अपनी समस्या बताई |