हाथों की लकीरें काफी कुछ कहती है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हाथ की रेखाओं से ना सिर्फ आप अपना भविष्य जान सकते हैं बल्कि आर्थिक स्थिति के बारे में भी आपको पूरी जानकारी मिलती है। हथेली में सभी रेखाओं का अलग मतलब होता है और फायदे व नुकसान भी अलग होते हैं। इन सभी रेखाओं का कुछ न कुछ मतलब रहता है। ऐसे में एक रेखा जिसे दो मुखी रेखा भी कहते है इसका हाथ में होना भी काफी कुछ कहता है।सामान्य रूप से हाथ में हृदय रेखा, जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा होती हैं और कुछ हाथों में दोमुखी रेखाएं भी मिलती हैं।
दो मुखी रेखा को प्रमुख रेखा भी कहा जाता है। अगर ये तीनो रेखाएं बांट जाए दो मुखों में तो इसके जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव हो सकते हैं। लेकिन उससे पहले हम बात करते हैं हृदय रेखा की। यदि हृदय रेखा दो भागों में बंट जाए और इसका एक भाग शनि पर्वत पर जाए तो यह कर्म प्रधान और धनवान होने का इशारा करता है। यह व्यक्ति के मन से कर्म में लगे रहने का संकेत देता है। यदि हृदय रेखा से कोई रेखा निकलकर गुरु पर्वत पर जाती है तो यह आध्यात्मिक प्रवृत्ति को दर्शाता है। दो भागों में बंटी हृदय रेखा शुभ होती है। ऐसे लोगों के पास कर्म और धर्म दोनों होते हैं। दोनों के मिलने से व्यक्ति आगे बढ़ता है
साथ ही हम बात करते हैं अब मस्तिष्क रेखा की। यदि मस्तिष्क रेखा बंटकर इससे निकली एक रेखा नीचे की ओर जाए तो ऐसा व्यक्ति बेहद ही कल्पनाशील होता है। यदि रेखा निकलकर मंगल क्षेत्र की ओर चली जाए तो यह साहस को दर्शाती है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को कल्पनाशील और यथार्थवादी दोनों गुण मिलते हैं। यदि जीवन रेखा दो भागों में बंट जाए तो ऐसे लोग संघर्ष करने से नहीं डरते है। ऐसे लोग जीवन में बहुत धनी होती है। हस्तरेखा में इन तीनों ही रेखाओं के दो भागों में बंटने को शुभ माना गया है। जिसे ही दोमुखी रेखा कहते है। इस दो मुखी रेखा का अलग ही महत्व होता है।