हिम्मत की मिसाल: हिमाचल की नर्स ने ड्यूटी के लिए उफनते नाले को कूदकर पार किया

शिमला 
हिमाचल प्रदेश में बरसात कहर बरपा रही है। नदी-नाले उफान पर हैं। कई इलाकों में पुल और सड़कें बह चुकी हैं और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है। इसी बीच मंडी जिला की चौहारघाटी से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने सबको हैरान कर दिया। वीडियो में स्टाफ नर्स कमला उफनते नाले को पत्थरों पर छलांग लगाकर पार करती नजर आ रही हैं।

ड्यूटी पर पहुंचने के लिए जान जोखिम में डाली
मंडी जिला की चौहारघाटी की सुधार पंचायत में तैनात स्टाफ नर्स कमला टिक्कर गांव की रहने वाली हैं। कमला ने बताया कि उन्हें रोजाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुधार में ड्यूटी देनी होती है। लेकिन भारी बारिश से क्षेत्र के छह फुट ब्रिज बह चुके हैं, जिससे रोजाना ड्यूटी पर पहुंचना मुश्किल हो गया है। ऐसे हालात में कमला ने जान की परवाह किए बिना उफनते गढ़ नाले को छलांग लगाकर पार किया और समय पर स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गईं।

उन्हें ड्यूटी के लिए रोजाना करीब चार किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ रहा है। लेकिन जान की परवाह किए बगैर उन्होंने उफनते नाले को कूदकर पार किया। तब जाकर वह समय पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ड्यूटी के लिए पहुंच पाई। हाल ही में भारी बारिश से चौहारघाटी की सिल्हबुधानी और तरस्वाण पंचायतों में भारी नुकसान हुआ है। यहां कई सड़कें और पुल बह गए हैं। मजबूरी में लोगों को नाले और खड्ड पैदल ही पार करने पड़ रहे हैं। यही कारण है कि नौकरीपेशा लोग भी रोजाना खतरों का सामना करने को मजबूर हैं।

बारिश से मंडी में भारी तबाही
इस मानसून सीजन में मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल है। यहां बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ से भारी तबाही हुई है। बीते 30 जून की रात को ही करीब 12 जगह बादल फटने की घटनाएं हुई थीं। हाल ही में सराज क्षेत्र में भी एक महिला और पुरुष नाले को पार करते समय बह गए थे, जिन्हें बाद में सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि एक अन्य घटना में एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है।

प्रदेशभर में बंद पड़ी 338 सड़कें
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार शनिवार को प्रदेशभर में 338 सड़कें भूस्खलन और मलबा आने से बंद हैं। इनमें मंडी जिला में 162, कुल्लू में 105 और कांगड़ा में 21 सड़कें शामिल हैं। कुल्लू जिले का नेशनल हाईवे 305 भी कई जगह बंद पड़ा है। इसके अलावा 172 बिजली ट्रांसफार्मर और 133 पेयजल योजनाएं भी ठप हैं।

मानसून सीजन में अब तक 295 मौतें
प्रदेश में 20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन ने गहरे जख्म दिए हैं। अब तक 295 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनमें मंडी में 48, कांगड़ा में 47, चंबा में 35 और शिमला में 27 लोग शामिल हैं। इसके अलावा 37 लोग अभी भी लापता हैं और 350 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।

2,976 मकान क्षतिग्रस्त, 391 दुकानें गिरीं
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक अब तक 2,976 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिनमें 658 पूरी तरह ढह गए हैं। 391 दुकानें और 2,685 पशुशालाएं भी नष्ट हो चुकी हैं। 1,821 पालतू पशु और 25,755 पोल्ट्री पक्षी मारे गए हैं। प्रदेश को अब तक 2,326 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 1,306 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 753 करोड़ का नुकसान हुआ है।

26 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने 23 अगस्त को राज्य के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं 24 से 26 अगस्त तक भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट रहेगा। बीते 24 घंटों में सोलन के नालागढ़ और हमीरपुर के नादौन में 60-60 मिमी, जोगिंद्रनगर में 50 मिमी और जतौन बेरेज में 40 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

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