शिवरीनारायण। शिवरीनारायण क्षेत्र के घास भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है, स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाया है की अफसरों की साठगांठ से यह अतिक्रमण का कार्य चल रहा है |
मिली जानकारी के अनुसार शासन के आदेश पर राजस्व अमले द्वारा नगरीय निकाय क्षेत्रों में अतिक्रमणकारियों के व्यस्थापन के लिए शासकीय भूमियों का सर्वे कार्य किया जा रहा है। यह सर्वे शिवरीनारायण में भी चल रहा है और विगत दो-तीन दिनों से नगर में यह आम चर्चा है कि पटवारियों द्वारा वार्ड क्रमांक 12 में निर्माणाधीन बैराज के आगे सड़क किनारे कुछ लोगों को दो-दो डिसमिल जमीन बांटा गया है। इस चर्चा की पुष्टी के लिए जब मौके पर जा कर देखा गया तो यह सही पाया गया। वहां पर कुछ लोगों के द्वारा खाली पड़े घास जमीन पर इर्ट, पत्थर का घेरा डाल कर कब्जा किया जा रहा था। जब वहां खाली पड़े जमीन पर कब्जा करने वालों से पूछा गया तो उन लोगों ने बताया की कुछ दिन पहले वहां पटवारी और नगर पंचायत के कर्मचारी आये थे और उन्हीं लोगों ने 8-10 लोगों को यहां पर दो-दो डिसमिल जमीन नाप कर दिये हैं और यहीं पर हमारा प्रधानमंत्री आवास भी स्वीकृत किया जा रहा है। इसलिए हम अपनी जगह पर कब्जा के लिए ईंट, पत्थर से घेरा डाल रहे हैं। प्रधान मंत्री आवास योजना के अन्तर्गत मकान का निर्माण निजी भूमि या शासन द्वारा दिए गए पट्टे की भूमि पर किया जाना है। वर्तमान में शासन के आदेश पर अतिक्रमणकारियों के व्यवस्थापन की प्रक्रिया चल रही है। इसी प्रक्रिया का लाभ उठाने कुछ लोगों द्वारा राजस्व कर्मचारियों से सांठगांठ कर खाली पड़े घास भूमि को अपने नाम दर्ज कराने का प्रयास किया जा रहा है। जिले के उधााधिकारी तथा नगर पंचायत शिवरीनारायण के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देते हुए घास जमीन के बंदरवाट को रोकने की मांग नगरवासियों ने की है। नगर के बैराज के सामने के खाली मैदान 4 से 5 एकड़ जमीन पूरा शासकीय जमीन है जो बहुत पुराना आम बगीचा है। जहां सालों से गाय, भैंसों का बाजार लगता था पर आज इस स्थान में थोक सब्जी मंडी लगता है। साथ ही बाईपास रोड केरा रोड में जुडता है। यह मैदान शिवरीनारायण नगर के विकास कार्य के लिए बहुत ही जरूरी भूमि है जो कई सालों से अतिक्रमित है।
”किसी भी व्यक्ति को खाली पड़े घास जमीन का आबंटन उनके द्वारा नहीं किया है। खाली पड़े शासकीय भूमि का भी सर्वे हो रहा है। रिक्त भूमि को किसी भी व्यक्ति के नाम पर दर्ज नहीं किया गया है।
दिग्विजय गोस्वामी
पटवारी, शिवरीनारायण