राष्ट्रीय पेंशन योजना : वैसे तो केन्द्र व राज्य सरकारों ने सभी वर्गों को ध्यान में रखकर कल्याणकारी योजनाएं चलाई हुई हैं, लेकिन सरकार का सबसे ज्यादा ध्यान महिलाओं, किसानों और मजदूरों पर है. महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम रही सरकार ने महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुद्रढ करने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की हैं.
इस बीज आज हम आपको एक ऐसी योजना की जानकारी देने जा रहे हैं, जो आपके भविष्य के लिए एक टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकती है. दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का नाम है, राष्ट्रीय पेंशन योजना .
( Pension Scheme ) महिलाओं के लिए 45 हजार रुपए तक की पेंशन
राष्ट्रीय पेंशन योजना को लेकर इन दिनों बाजार में खूब चर्चा में है. इस योजना में महिलाओं को 45 हजार रुपए तक की पेंशन दी जा रही है. अगर आप भी अपनी पत्नी को नए साल का तोहफा देना चाहते हैं तो फिर इस राष्ट्रीय पेंशन योजना में अपना अकाउंट खुलवा सकते हैं. हालांकि इस योजना से जुड़ने के लिए आपको कुछ नियम व शर्तों का पालन करना होगा.
जानकारी के अनुसार इस योजना में महिलाओं को 45 हजार रुपए देने का प्रावधान है. हालांकि योजना का लाभ उठाने के लिए इसमें एक तय राशि का निवेश करना होता है. वैसे आप इस योजना में 1000 रुपए से भी अपना खाता ऑपर करा सकते हैं. योजना में दी गई शर्तों के अनुसार महिलाएं 65 साल की उम्र होने तक नेशनल पेंशन स्कीम अकाउंट को संचालित करा सकती है.
इस योजना से जुड़ने की उम्र 30 साल है. राष्ट्रीय पेंशन योजना में हर महीने 5000 रुपए का निवेश करना होता है. जिस पर सालाना 10 प्रतिशत रिटर्न की व्यवस्था की गई है.

राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) को ग्राहकों के कल्याण को सर्वोच्च महत्व देते हुए डिज़ाइन किया गया है। बढ़ते और अस्थिर पेंशन बिल के कारण, सरकार ने परिभाषित लाभ पेंशन योजना से परिभाषित अंशदान पेंशन योजना यानी राष्ट्रीय पेंशन योजना में बदलाव करने का एक सचेत कदम उठाया है। एनपीएस के तहत कर्मचारियों को कई लाभ उपलब्ध हैं। कुछ लाभ नीचे सूचीबद्ध हैं:
- एनपीएस एक सुनियोजित पेंशन प्रणाली है जिसका प्रबंधन एक असंबद्ध संरचना के माध्यम से होता है जिसमें पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा नियुक्त मध्यस्थ शामिल होते हैं, जैसे पेंशन निधि, संरक्षक, केंद्रीय अभिलेख एवं लेखा एजेंसी, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ट्रस्ट, ट्रस्टी बैंक, उपस्थिति केंद्र और वार्षिकी सेवा प्रदाता। इसका विनियमन पीएफआरडीए द्वारा विवेकपूर्ण ढंग से किया जाता है, जो वृद्धावस्था आय सुरक्षा को बढ़ावा देने और एनपीएस के ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए स्थापित एक वैधानिक नियामक निकाय है।
- सेवानिवृत्ति तक एक निश्चित अवधि में संचित पेंशन राशि चक्रवृद्धि प्रभाव से बढ़ती है। एनपीएस की संस्थागत संरचना की समग्र लागत दुनिया में सबसे कम है।
- एनपीएस टियर-I खाते में किया गया अंशदान आयकर अधिनियम, 1961 के अंतर्गत कर कटौती के लिए पात्र है। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सीसीडी (1बी) के अंतर्गत एनपीएस टियर-I में किए गए अंशदान पर 50,000 रुपये की अतिरिक्त कर छूट भी दी जाती है।
- अंशदाता कुछ शर्तों के अधीन, सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने से पहले अपने अंशदान का 25% तक निकाल सकते हैं। इसके अलावा, पीएफआरडीए ने दिनांक 10.08.2017 के “पीएफआरडीए (एनपीएस के अंतर्गत निकासी और निकासी) (प्रथम संशोधन) विनियम, 2017” के माध्यम से आंशिक निकासी के मानदंडों को उदार बनाया है, जिसमें एनपीएस में नामांकन की न्यूनतम अवधि को 10 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष करना भी शामिल है।
- पीएफआरडीए ने दिनांक 06.10.2017 के “पीएफआरडीए (एनपीएस के तहत निकास और निकासी) (द्वितीय संशोधन) विनियम, 2017” के तहत एनपीएस-ऑल सिटीजन मॉडल और कॉर्पोरेट सेक्टर मॉडल में शामिल होने के लिए अधिकतम आयु सीमा 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी है।
- पीएफआरडीए ने दिनांक 02.02.2018 के “पीएफआरडीए (एनपीएस के तहत निकास और निकासी) (तृतीय संशोधन) विनियम, 2018” के माध्यम से एनपीएस के अंतर्गत कवर किए गए ग्राहक की विकलांगता और अक्षमता के मामले में आसान निकास और निकासी की सुविधा प्रदान की है।
- एनपीएस ग्राहकों द्वारा सभी भौगोलिक स्थानों पर पेंशन खाते तक ऑनलाइन पहुंच और रोजगार की पोर्टेबिलिटी के माध्यम से पारदर्शिता और पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित की जाती है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना : कुछ अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ यह मांग भी शामिल है कि सरकार पुरानी परिभाषित लाभ पेंशन प्रणाली को पुनः लागू कर सकती है। हालाँकि, बढ़ते और असंतुलित पेंशन बिल और वित्तीय वर्ष पर प्रतिस्पर्धी दावों के कारण, 01.01.2004 को या उसके बाद भर्ती हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में एनपीएस को पुरानी पेंशन योजना से बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना, योजना हेतु नामांकन
- इस राष्ट्रव्यापी शुरूआत से इस योजना के तहत भावी लाभार्थियों के लिये नामांकन की सुविधा देश भर में स्थित 3.50 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Center-CSCs) के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है।
- इसके अलावा लोग www.maandhan.in/vyapari पोर्टल पर जाकर भी स्वयं नामांकन कर सकते हैं।
- नामांकन के समय लाभार्थी को अपना आधार कार्ड और बचत बैंक/जन-धन खाता पासबुक ले जाना आवश्यक है। लाभार्थी की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिये।
- 40 लाख रुपए से अधिक वार्षिक व्यापार वाले व्यापारियों के लिये GSTIN (Goods and Services Tax Identification Number) की ज़रूरत है।
- योजना के तहत लाभार्थियों के लिये नामांकन को नि:शुल्क रखा गया है। नामांकन स्व-प्रमाणन पर आधारित है।
- वर्ष 2019-20 तक 25 लाख लाभार्थियों तथा वर्ष 2023-2024 तक 2 करोड़ लाभार्थियों को इस योजना में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना, लाभार्थी
- यह पेंशन योजना उन व्यापारियों (दुकानदारों/खुदरा व्यापारियों और स्वरोज़गार में लगे व्यक्तियों) के लिये शुरू की गई है जिनका वार्षिक कारोबार 1.5 करोड़ रुपए से अधिक का नहीं है।
- यह 18 से 40 वर्ष की आयु के व्यापारियों के लिये एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है।
- लाभार्थी को आयकर दाता नहीं होना चाहिये तथा उसे EPFO/ESIC/NPS(सरकार-पोषित) का सदस्य भी नहीं होना चाहिये।
राष्ट्रीय पेंशन योजना, लाभार्थी को प्राप्त होने वाले लाभ
- इसमें लाभार्थी की आयु 60 वर्ष होने पर न्यूनतम 3,000 रुपए मासिक पेंशन देने का प्रावधान है।
- इस योजना के तहत केंद्र सरकार का मासिक अंशदान में 50% योगदान होगा और शेष 50% अंशदान लाभार्थी द्वारा किया जाएगा।
- मासिक योगदान को कम रखा गया है। उदाहरण के लिये, एक लाभार्थी को 29 वर्ष की आयु होने पर केवल 100 रुपए प्रति माह का छोटा सा योगदान करना आवश्यक है।
- इस योजना से देश के लगभग 3 करोड़ व्यापारियों के लाभान्वित होने की उम्मीद है।
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