Johar36garh| जांजगीर जिला के झूलन पकरिया के क्वारंटीन सेंटर में एक दम्पति भटकर पहुंच गए थे, उन्हें भोजन तो मिला लेकिन सिर छुपाने के लिए आसरा नहीं मिला रहा था | रात भी बहुत हो रही थी, ऐसे समय में अकलतरा जनपद पंचायत के सीईओ सत्यव्रत तिवारी ने उनकी मदद के गाड़ी की ब्यवस्था की |
लॉक डाउन में हर गरीब मजदूर की अपनी अलग कहानी होती है, इसी तरह ब्लॉक बलौदा के ग्राम पंचायत चंदनिया निवासी बिहारी लाल चौहान उम्र 35 और उसकी पत्नी छत बाई चौहान 32 गोरखपुर से सफरकर के यहाँ पहुंचे थे | भरी दोपहरी में ग्राम पंचायत झूलन पकरिया का क्वारंटीन सेंटर रास्ते में दिखा तो वे लोग वही रुक गए| यहाँ उन्हें खाना तो मिला लेकिन आसरा नहीं मिला, क्योंकि क्वारंटीन सेंटर में जगह फुल थी | उन्हें अकलतरा जाने के लिए ना तो गाड़ी मिल रही थी और पैदल चलने की हिम्मत हो रही थी | लिहाजा पिछले 8 घण्टे से दोनों क्वारंटीन सेंटर के बहार ही बैठे रहे |
इसी दौरान Johar36garh News के जांजगीर ब्यूरो प्रमुख शनि सूर्यवंशी की नज़र इन दोनों पर पड़ी, उन्होंने इसकी जानकारी अपने संपादक को दी|
संपादक ने तत्काल जनपद पंचायत के सीईओ सत्यव्रत तिवारी से फ़ोन पर इसकी सूचना दी| जिस पर सीईओ ने तुरंत संज्ञान पर लेटे हुए उनके लिए वाहन की ब्यवस्था कराई| वाहन की व्यवस्था कराने में लगभग 1 घण्टे लग गए| इस दौरान 3 बार सीईओ ने संपादक को फोन कर ब्यवस्था की जानकारी लेते रहे | वही जांजगीर ब्यूरो प्रमुख भी वाहन के आने तक वही रुके रहे | जब गाड़ी छोटा हाथी आई उसमे दोनों को बैठकर ग्राम पंचायत झलमला के क्वारंटीन सेंटर पहुँचाया गया। उसके बाद तीनों ने राहत की साँस ली |
इस दौरान बिहारी लाल चौहान ने बताया की वे गोरखपुर के ईंट भट्ठा में काम करने गए थे | गोरखपुर से ट्रक से वे बनारस पहुँचे थे, बनारस में पुलिस की मदद से बिलासपुर पहुँचे, वहाँ से जांजगीर जिला जाने वाली बस में बैठ गए, जिससे वे पामगढ़ पहुँचे गए | लेकिन उन्हे बलौदा जाना था, उन्हें एक ऑटो मिला जो उसे अकलतरा ब्लॉक के ग्राम पकरिया में छोड़ गया था |