चंद्रशेखर ने ट्विटर पर इसका ऐलान करते हुए लिखा -‘मैं चन्द्रशेखर आज़ाद बहुजन समाज को आज नए राजनीतिक विकल्प देने की घोषणा करता हूं और समाज के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले ईमानदार,संघर्षशील और मिशनरी युवाओं से अपील करता हूं की आकर नेतृत्व संभाले. अब दौलत वाला नही,काम करने वाला नेता बनेगा.जय भीम.’ चद्रशेखर का ये ऐलान नागरिकता संशोधन बिल पर बसपा का रुख देखने के बाद आया है.
मैं चन्द्रशेखर आज़ाद बहुजन समाज को आज नए राजनीतिक विकल्प देने की घोषणा करता हूँ और समाज के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले ईमानदार,संघर्षशील और मिशनरी युवाओं से अपील करता हूँ की आकर नेतृत्व संभाले। अब दौलत वाला नही,काम करने वाला नेता बनेगा। जय भीम
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) December 12, 2019
चंद्रशेखर ने पार्टी के नाम के लिए सोशल मीडिया पर सुझाव भी मांगा है.चंद्रशेखर के मुताबिक ‘नई पार्टी में आंबेडकरवादी युवाओं को आगे बढ़ने का मौका देंगे. उनमें नेतृत्व विकसित करेंगे.बहुजन समाज के काफी नौजवान लंबे वक्त से जेल काट रहे हैं. वे समाज के सच्चे हितेषी हैं. चंद्रशेखर ने आगे बताया कि कांशीराम का एक वोट एक नोट वाले फॉर्मूले पर पार्टी को खड़ा करेंगे.
सीएबी और एनआरसी को बताया संविधान के खिलाफ
चंद्रशेखर के मुताबिक, सीएबी और एनआरसी देश के संविधान को ख़त्म करने की साज़िश है. इस देश के दलित,आदिवासी, पिछड़े, मुस्लिम यहां के मूलनिवासी है. जो बाहर से आए हैं वो आर्यन है उनका डीएनए टेस्ट हो और उन्हें पहले एनआरसी के दायरे में लाया जाए. देश के बहुजन कमर कसे संविधान की सुरक्षा व देश के सबसे बड़े आंदोलन के लिए.
मायावती का नहीं मिला सहयोग
चंद्रशेखर ने दलितों की आवाज उठाने के लिए तमाम तरह के विरोध प्रदर्शन किए लेकिन उन्हें कभी बसपा सुप्रीमो मायावती का समर्थन नहीं मिला. यहां तक की कई बार चंद्रशेखर ने मायावती से मिलने की भी कोशिश की लेकिन मायावती ने मुलाकात नहीं की. यही कारण है कि चंद्रशेखर ने अब बहुजन समाज की आवाज उठाने के लिए चुनावी राजनीति में उतरने का फैसला किया है.
कैसे सुर्खियों में आए चंद्रशेखर
चंद्रशेखर का जन्म सहारनपुर में चटमलपुर के पास धडकूलि गांव में हुआ. उन्होंने लाॅ की पढ़ाई की. वह पहली बार 2015 में सुर्खियों में आए. उन्होंने अपने मूल स्थान पर एक बोर्ड लगाया था, जिसमें ‘धडकाली वेलकम यू द ग्रेट चमार्स’ लिखा था. इस कदम ने गांव में दलितों और ठाकुर के बीच तनाव पैदा कर दिया था. चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया के जरिए काफी सुर्खियां बटोरी हैं. चंद्रशेखर ने फेसबुक और व्हाट्सअप के जरिए लोगों को भीम आर्मी से जोड़ने का काम किया. वह दलित -मुस्लिम यूनिटी के पक्षधर हैं.