Thursday, December 12, 2024
spot_img

भारत की इकोनॉमी की ग्रोथ को लेकर बड़ा अपडेट, कम हो सकती है इकोनॉमी की रफ्तार

 नई दिल्‍ली

गोल्डमैन सैक्स ने भारत की GDP को लेकर ग्रोथ रेट अनुमान को घटा दिया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, गोल्डमैन सैक्स ने केंद्र सरकार द्वारा एक्‍सपेंडेचर में कमी का हवाला देते हुए इस साल और अगले साल के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद के पूर्वानुमान में 20 आधार अंकों की कटौती की है. बैंक को अब उम्‍मीद है कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था कैलेंडर वर्ष 2024 में 6.7 प्रतिशत और 2025 में 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वर्ष की डाउनग्रेडिंग अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सरकारी खर्च में 35 प्रतिशत साल-दर-साल (YoY) कमी आ सकती है, जो सप्ताह भर चलने वाले आम चुनाव के साथ मेल खाती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कारण भारत की इकोनॉमी की ग्रोथ पहले से थोड़ी कम रह सकती है. हालांकि इस महीने की शुरुआत में RBI MPC ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था.

RBI ने भी घटाया था जीडीपी ग्रोथ अनुमान
जून में लोकसभा चुनाव 2024 के बाद पहली MPC ऐलान में केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए वास्तविक जीडीपी 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. RBI ने 2024-25 की पहली तिमाही के लिए वास्‍तविक जीडीपी 7.1 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 7.3 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. यह इस साल की लगातार चार तिमाहियों के लिए  7.3 प्रतिशत, 7.2 प्रतिशत, 7.3 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत के पिछले अनुमान से थोड़ा अलग है.

रेटिंग एजेंसी ने भी लगाया अनुमान
इस बीच, रेटिंग फर्म ICRA ने भी अनुमान लगाया है कि सरकारी पूंजीगत व्यय में कमी और शहरी उपभोक्ता विश्वास में गिरावट के बीच देश के सकल घरेलू उत्पाद का साल-दर-साल विस्तार वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में छह तिमाहियों के निचले स्तर 6.0 प्रतिशत पर आ जाएगा, जो वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 7.8 प्रतिशत था. ICRA का अनुमान RBI के GDP अनुमान से काफी कम है. आरबीआई ने 2024-25 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.  

आईसीआरए ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में संसदीय चुनावों से कुछ क्षेत्रों के गतिविधि में अस्थायी रूप से सुस्ती देखी गई और केंद्र और राज्यों दोनों के लिए सरकारी पूंजीगत व्यय में सुस्ती देखी गई है. इसक कारण भारत की जीडीपी ग्रोथ अनुमान में कमी आएगी.

 

Related Articles

- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img

Latest Articles