बिजली बंद होने पर, विभाग उपभोक्ता को देगा क्षतिपूर्ति, देखें कितने घंटे में मिलेगा कितना पैसा 

Johar36garh (Web Desk)| छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के सचिव एसपी शुक्ला ने कहा है कि इस व्यवस्था से विद्युत वितरण कम्पनी के कार्यप्रणाली में सुधार होगा तथा उपभोक्ता के प्रति जबावदेही बढ़ेगी। विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता तथा उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त तथा निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इस प्रकार के नियम लागू करने वाला छत्तीसगढ़ भारत का एकमात्र राज्य है।

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ता को कटौती रहित बिजली प्रदान करने के लिए नियम लागू किया है। इस नियम के तहत विद्युत आपूर्ति बंद होने की मासिक अधिकतम समयावधि तथा प्रत्येक बार विद्युत बंद होने की अधिकतम समय-सीमा निर्धारित की गई है। वहीं उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक क्षतिपूर्ति का प्रावधान भी किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बताया कि विद्युत अधिनियम, 2003 में उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त तथा बिना कटौती के विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी पूर्ति के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग को गुणवत्ता का मापदण्ड निर्धारित करने का दायित्व सौंपा गया है।
 बिजली बंद होने पर, विभाग उपभोक्ता को देगा क्षतिपूर्ति, देखें कितने घंटे में मिलेगा कितना पैसा 
इसके तहत छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2006 में नियम लागू किया था लेकिन उसमें कटौती रहित विद्युत प्रदान के लिए मापदण्ड तथा उसका पालन नहीं होने की स्थिति में उपभोक्ताओं को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति का प्रावधान शामिल नहीं था। इसे ध्यान में रखते हुए पुराने नियम के स्थान पर आयोग ने मई 2020 में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग (विद्युत वितरण निष्पादन हेतु मानक) विनियम, 2020 अधिसूचित किया है। अधिकारियों ने बताया कि नए नियमों के तहत विद्युत प्रदान करने वाली कम्पनियों द्वारा विद्युत आपूर्ति बंद होने की मासिक अधिकतम समयावधि तथा प्रत्येक बार विद्युत प्रदाय बंद होने की अधिकतम समय-सीमा निर्धारित की गई है। इसके साथ-साथ इन मापदण्डों के उल्लंघन की स्थिति में उपभोक्ताओं को दी जाने वाली आर्थिक क्षतिपूर्ति का भी प्रावधान रखा गया है। आयोग के इस नियम के अनुसार प्रत्येक विद्युत वितरण लाइसेंसी को गुणवत्तायुक्त विद्युत प्रदान करने के लिए निर्धारित सूचकांक का पालन करना होगा।

उन्होंने बताया कि इन मापदण्डों के अनुसार 10 लाख तथा उससे अधिक जनसंख्या वाले शहरों के लिए अप्रैल से जून की अवधि में किसी भी माह में 10 घंटे से अधिक विद्युत आपूर्ति बंद होने की स्थिति में वितरण कम्पनी द्वारा उपभोक्ताओं को आर्थिक क्षतिपूर्ति देना होगा। इन महीनों में अन्य नगरीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह सीमा 20 घंटे रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि जुलाई से मार्च की अवधि में 10 लाख तथा उससे अधिक जनसंख्या वाले शहरों के लिए किसी भी माह में छह घंटे, अन्य नगरीय क्षेत्रों में 15 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 20 घंटे से अधिक विद्युत आपूर्ति बंद होने की स्थिति में उपभोक्ताओं को क्षतिपूर्ति देना होगा।

उन्होंने बताया कि इसी प्रकार विभिन्न प्रकार के विद्युत सेवाओं के लिए भी गुणवत्ता के मापदण्डों का पालन नहीं होने की स्थिति में उपभोक्ताओं को दी जाने वाली आर्थिक क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। विद्युत आपूर्ति बंद होने पर उसे चालू करने के लिए शहरी क्षेत्रों में अधिकतम चार घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे की समय-सीमा निर्धारित की गई है। इसका पालन नहीं होने की स्थिति में वितरण कम्पनी को प्रति घंटा पांच रुपये की दर से क्षतिपूर्ति देना होगा। इसी प्रकार लाइन में सामान्य खराबी के लिए क्रमशः छह घंटे तथा 12 घंटे, ट्रांसफार्मर में खराबी के लिए 24 घंटे तथा पांच दिन, मीटर जलने की स्थिति में नए मीटर लगाने के लिए क्रमशः आठ घंटा और दो दिन तथा इसका पालन न होने पर वितरण कम्पनी को उपभोक्ताओं को 50 रुपये प्रति दिन के हिसाब से भुगतान करना होगा। अधिकारियों ने बताया कि नए घरेलू कनेक्शन के लिए समय-सीमा का पालन न करने की स्थिति में वितरण कम्पनी को उपभोक्ताओं को 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से क्षतिपूर्ति राशि देना होगा। 

Join WhatsApp

Join Now