कानपुर(एजेन्सी)| उत्तर जनपद के हैलट अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाला एक वाक्या फिर सामने आया है. यहां गंभीर रूप से बीमार एक किशोरी को लेकर परिजन अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में इलाज के लिए पहुंचे. डॉक्टरों ने उसे बाल रोग विभाग में ले जाने के लिए कहा. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल के कर्मचारियों से स्ट्रेचर मांगा, जो उन्हें नहीं मिला. ऐसे में असहनीय पीड़ा से गुजर रही बीमार किशोरी के भाई ने उसे कंधे पर उठा कर बाल रोग विभाग तक पहुंचाया. इस दौरान किशोरी बेहोश भी हो गई लेकिन अस्पताल के कर्मचारी संवेदनहीन बने रहे.
रिपोर्ट के मुताबिक, सूटरगंज निवासी रामदीन की बेटी सोनी को देर शाम असहनीय दर्द हुआ तो परिजन उसे लेकर उर्सला अस्पताल पहुंचे जहां डाक्टरों प्राथमिक उपचार के बाद उसे हैलट अस्पताल ले जाने को कहा. जिसके बाद रामदीन और उनका बेटा लक्ष्मण सोनी को लेकर हैलट अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे. पीड़ित पिता का कहना है कि यहां पर डॉक्टरों ने जब बेटी की उम्र पूछी तो उन्होंने 17 साल बताई, जिसके बाद डॉक्टरों ने इलाज करने के बजाय उसे बाल रोग विभाग ले जाने को कहा. किशोरी के पिता का आरोप है कि उन्होंने बेटी को बाल रोग विभाग तक ले जाने के लिए पीआरओ से स्ट्रेचर मांगा तो उन्होंने मना कर दिया. बहन को असहनीय दर्द से तड़पता देखकर भाई लक्ष्मण ने उसे कंधे पर डाला और बाल रोग विभाग की ओर दौड़ लगा दी. इस दौरान वह बेहोश भी हो गई लेकिन भाई ने उसे गोद में किसी तरह संभालते हुए बाल रोग विभाग तक पहुंचाया.आरोप है कि हैलट अस्पताल में कर्मचारियों की संवेदनहीनता के चलते मानवता शर्मसार करने वाला यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी स्ट्रेचर न मिलने पर तीमारदार पीठ और कंधे पर लादकर अपने मरीजों को ले जाते दिखते हैं. मीडिया में रिपोर्ट भी आती है लेकिन अस्पताल प्रशासन इस पर सिर्फ जांच और कार्रवाई करने की बात करता है.