जांजगीर चम्पा | गरीबी से परेशान होकर कमाने खाने कश्मीर गए युवक की आतंकवादियों ने अगवा करने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी| इस खबर से गांव सहित पुरे जिला मातम मचा हुआ है क्योंकि जिले के बड़ी संख्या में लोग वहां मजदूरी करने गए है, इस मामले में मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को चार लाख रुपए आर्थिक सहायता की घोषणा की है, वहीं स्थानीय श्रम विभाग ने भी नियमानुसार मुआवजा देने की बात कही है। जांजगीर-चांपा कलेक्टर का कहना है कि यदि मृत मजदूर के परिजन छत्तीसगढ़ लौटना चाहेंगे, तो वे प्रशासन की टीम भेजकर हरसंभव मदद करेंगे।आपको बता दे की जांजगीर-चांपा जिले के बिर्रा थाना क्षेत्र के बंसुला गांव निवासी मजूदर कन्हैया सागर का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है। उनका पूरा परिवार मजदूरी से ही अपना भरण-पोषण करता है। उसके परिजन जम्मू कश्मीर, पुलवामा जिला के काकापुरा के ईंट भट्ठे में मजदूरी करने गए हुए हैं। इसी परिवार के एक सदस्य सेठीराम सागर की आतंकियों ने बुधवार को सुबह 10 बजे गोली मारकर हत्या कर दी। आतंकियों ने सेठीराम की हत्या उस समय की जब वह उपचार कराने अस्पताल जा रहा था। आतंकी घटना के शिकार सेठीराम के पिता कन्हैया गांव में अकेले रहते हैं। उनका पूरा परिवार ईंट भट्ठे में काम करने तीन माह पूर्व जुलाई में कश्मीर गया हुआ है। दो वर्ष पूर्व सेठीराम की शादी हुई थी। उसकी सात माह की एक बेटी भी है। भूमिहीन होने की वजह से उसका परिवार हर वर्ष ईंट भट्ठे में काम करने जम्मू कश्मीर जाता है। पहले वह भी ईंट भट्ठे में काम करने जाता था। कन्हैया ने बताया कि उसे घटना की जानकारी बुधवार को शाम पांच बजे के आसपास मोबाइल के माध्यम से मिली। उसके बाद उसने गांववालों को घटना के बारे में खबर दी। तब ग्रामीणों ने घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस और प्रशासन को दी। घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन के अधिकारी कन्हैया के घर पहुंचे। इलाज कराने जाते समय किया अगवा कन्हैया के मुताबिक उसके बेटे को दो दिन से पेचिश होने की शिकायत थी। इस वजह से वह बुधवार को काम पर नहीं गया। सुबह 10 बजे सेठीराम उपचार कराने डॉक्टर के पास जा रहा था, इस बीच आतंकवादियों ने उसे बीच रास्ते से अगवा कर लिया और सुनसान जगह पर ले जाकर उसकी हत्या कर दी। कन्हैया ने जम्मू कश्मीर प्रशासन पर किसी तरह का कोई सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है। कन्हैया के मुताबिक उसके बेटे को आतंकियों द्वारा गोली मारकर हत्या करने के बाद लोकल पुलिस पोस्टमार्टम कराने के बाद लाश परिवार के सुपुर्द कर दिया। जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा किसी तरह का कोई सहयोग नहीं मिलने की वजह से उसके बेटे का अंतिम संस्कार काकापुरा में ही करना पड़ा, और वह अपने बेटे की अंतिम दर्शन नहीं कर पाया। कन्हैया के मुताबिक सेठीराम की मौत की खबर उसकी पत्नी और मां को दोपहर को मिली। इसके बाद वो स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस के पास पहुंचे और मरच्यूरी जाकर सेठीराम की शिनाख्त की। घटना के बाद से सेठीराम की पत्नी और उसकी मां का रो.रोकर बुरा हाल है। उसका परिवार जल्द से जल्द गांव लौटना चाहता है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
“पीड़ित परिवार को जिला प्रशासन हरसंभव मदद करेगा। उनके परिवार के लोग वापस आना चाहेंगे तो उन्हें वापस लाने टीम भेजी जाएगी।”
– जेपी पाठक, कलेक्टर, जांजगीर-चांपा