रायपुर। 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी के मुद्दे पर मंगलवार को सीएम भूपेश बघेल की बैठक से भाजपा के नेता व सांसद गायब रहे। कांग्रेस के तीन सांसद ही बैठक में पहुंचे, जबकि सर्वदलीय बैठक में जनता कांग्रेस, बसपा के नेता पहुंचे। सीएम भूपेश ने सांसदों व सभी दल के नेताओं से किसानों के हित में राजनीति से ऊपर उठकर सहयोग देने की मांग की। बीजेपी नेताओं की अनुपस्थिति पर सीएम ने किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है। साथ ही, बीजेपी सांसदों से दो सवाल किए हैं कि वे 2500 रुपए में धान खरीदी के पक्ष में हैं या नहीं? और सेंट्रल पूल में खरीदी के लिए पिछली बार की तरह केंद्र सरकार को इस बार भी नियम शिथिल करना चाहिए या नहीं? सीएम ने तल्ख तेवर के साथ कहा है कि इन मुद्दों पर हम बीजेपी का समर्थन चाहते थे। बैठक से गायब रहकर बीजेपी ने यह साबित कर दिया है कि वह किसान विरोधी है। बैठक में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, सांसद छाया वर्मा, ज्योत्सना महंत, दीपक बैज, सभी दलों की बैठक में जनता कांग्रेस से धर्मजीत सिंह, बसपा से केशव चंद्रा, सीपीआई, सीपीआई (एम), एनसीपी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
जकांछ का समर्थन
जनता कांग्रेस नेता आरके राय ने कहा कि िकसानों के हित में केंद्र के विरोध में किए जाने वाले आंदोलन का पार्टी समर्थन करेगी। सीपीआईएम नेता संजय पराते ने कहा कि वे किसानों के हित में आंदोलन का समर्थन करते हैं, लेकिन राजनीतिक आंदोलन में वे हिस्सा नहीं लेंगे। इसी तरह सीपीआई के राज्य कमेटी मेंबर चितरंजन बख्शी ने कहा कि वे आंदोलन के समर्थन में हैं और प्रधानमंत्री को चि_ी लिखेंगे।
मंदी का असर नहीं है, किसान मजबूत
पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय खाद्य मंत्री को लिखी चि_ी के जवाब के संबंध में सीएम ने कहा कि केंद्र का कहना है कि 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी करने पर बाजार अस्त-व्यस्त हो जाएगा। हकीकत यह है कि इससे बाजार बढ़ा है। सीएम ने व्यापारियों से भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखने और यह बताने का आग्रह किया है कि छत्तीसगढ़ में मंदी का असर नहीं है। यहां किसान मजबूत हुए हैं। बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी शासन में डॉ. रमन सिंह ने मंत्रिमंडल के सदस्यों और सांसदों के साथ जाकर केंद्र से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने की मांग की थी। अब हम मांग कर रहे हैं।
शिथिल किया जाए नियम
सीएम बघेल ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार ने यह नीति बनाई थी कि जो सरकारें बोनस देंगी, उन राज्यों से चावल का उपार्जन नहीं किया जाएगा। इसके विपरीत 2017-18 में केंद्र ने नियमों को शिथिल करते हुए सेंट्रल पूल में 25 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने का फैसला लिया था। इस दौरान प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी। इस वर्ष लगभग 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी होने का अनुमान है, इसलिए 32 लाख मीट्रिक टन चावल का उपार्जन करने की अनुमति देनी चाहिए। सीएम ने कहा कि इस साल भी नियमों को शिथिल किया जाए।
रमन सिंह हैं कौन, संसदीय दल के सचेतक
रमन सिंह हैं कौन, क्या वे विधायक दल के नेता हैं, सांसद हैं, या संसदीय दल के सचेतक हैं, जो वे सांसदों के बैठक में नहीं जाने के संबंध में बयान दे रहे हैं। रमन किस अधिकार से सांसदों को रोक रहे हैं।
-भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री
सांसद ही बताएं निमंत्रण मिला या नहीं
मैं सांसदों को रोकने वाला कौन होता हूं। उन्हें रोकने का सवाल ही नहीं उठता। सांसद अपना निर्णय खुद लेते हैं। सांसद ही बेहतर ढंग से बता सकते हैं कि उन्हें निमंत्रण मिला या नहीं।
-डॉ. रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री