मोबाइल फटने से एक और मौत. घटना केरल के त्रिशूर की बताई गई है. यहां एक आठ साल की बच्ची मोबाइल ब्लास्ट का शिकार बन गई. खबरों के मुताबिक हादसे के समय बच्ची मोबाइल पर वीडियो देख रही थी. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल की बारीकी से जांच कर रही है.
इंडिया टुडे से जुड़ीं शिबी की रिपोर्ट के मुताबिक घटना सोमवार, 24 अप्रैल को रात 10.30 बजे के आसपास हुई. मृतक बच्ची का नाम आदित्या श्री है. वो त्रिशुर के तिरुविल्वामला इलाके के क्राइस्ट न्यू लाइफ स्कूल में तीसरी क्लास में पढ़ती थी. परिवार ने बताया कि आदित्या मोबाइल पर वीडियो देख रही थी तभी उसमें धमाका हो गया. ब्लास्ट की आवाज इतनी जोरदार थी कि पड़ोसियों तक को सुनाई दी.
रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची जिस फोन पर वीडियो देख रही थी वो तीन साल पुराना सेकेंड हैंड मोबाइल सेट था. पुलिस ने बताया कि ब्लास्ट से बच्ची के चेहरे पर काफी गंभीर चोटें आई थीं जिसके चलते उसकी मौत हुई.
दक्षिण राज्यों से जुड़ी घटनाओं और मामलों पर खबरें देने वाले न्यूज पोर्टल ऑन मनोरमा ने पुलिस के हवाले से बताया कि मोबाइल की बैटरी फटने का कारण ओवरहीटिंग हो सकता है, क्योंकि बच्ची काफी देर से मोबाइल का इस्तेमाल कर रही थी. पुलिस ने ये भी बताया कि पिछले साल ही फोन की बैटरी बदली गई थी.
घटना के समय घर पर सिर्फ बच्ची और उसकी दादी मौजूद थे. रिपोर्ट के मुताबिक ब्लास्ट इतना ताकतवर था कि बच्ची की कलाई तक टूट गई थी. वैसे फोन किस कंपनी का था और उसमें लगी नई बैटरी की क्वालिटी कैसी थी, इस बारे में अभी जानकारी नहीं मिली है.
पहले भी फोन ब्लास्ट में हुई मौतें
फोन ब्लास्ट की घटनाएं कोई नई नहीं हैं. कुछ महीने पहले मध्य प्रदेश से ऐसा ही मामला सामने आया था. एक बुजुर्ग शख्स चार्जिंग के दौरान ही अपने दोस्त से बात कर रहा था. बातचीत चल ही रही थी कि अचानक फोन डिसकनेक्ट हो गया. पता चला कि दूसरी तरफ वाला फोन ब्लास्ट हो गया. बुजुर्ग की मौत हो गई.
मोबाइट टेक एक्सपर्ट्स फोन चार्ज करते समय उसे यूज ना करने की सलाह देते हैं क्योंकि चार्जिंग के वक्त फोन ज़्यादा गरम हो जाता है. ऐसे में इस दौरान फोन यूज करने से वो और ज्यादा गरम हो सकता है. ओवरहीटिंग से बैटरी को ऐसा नुकसान हो सकता है जिसकी रिकवरी ना हो, फोन की लाइफ कम हो सकती है, फोन फट सकता है और उसमें आग भी लग सकती है.
फ़ोन को फटने से कैसे बचाएं?
# स्मार्टफोन को रातभर चार्जिंग पर लगाकर नहीं छोड़ना चाहिए. इस आदत से डिवाइस की बैटरी खराब हो सकती है. वैसे आजकल बहुत सारे स्मार्टफोन ऐसे फीचर्स के साथ आते हैं, जो एक निश्चित पॉइंट पर चार्जिंग स्टॉप कर देते हैं. लेकिन ऐसा अभी सिर्फ कुछ स्मार्टफोन में ही होता है. इसलिए ठीक रहेगा कि हर मोबाइल फोन को रात भर चार्ज ना किया जाए. तकिया वग़ैरह के नीचे फ़ोन रखकर कभी मत सोइए.
# हमेशा अपने स्मार्टफोन के साथ आए हुए ओरिजनल चार्जर का ही इस्तेमाल करें. अगर चार्जिंग के लिए कोई दूसरा चार्जर और केबल इस्तेमाल करते हैं, तो वो अच्छी क्वालिटी का और संबंधित कंपनी से मान्यता प्राप्त होना चाहिए. आउटपुट के वोल्टेज और करंट की जानकारी के बिना किसी दूसरे के फोन के चार्जर से दूरी ही अच्छी.
# कई लोग फ़ोन को चार्जिंग पर लगाकर गेम खेलते हैं और कुछ कॉल करते हैं. दोनों ही ख़तरनाक हैं. कॉलिंग इन्फ़्रारेड तरंगों की मदद से होती है, जो गर्म मिज़ाज की होती हैं. फ़ोन चार्जिंग पर लगाकर कॉल करने पर डबल गर्मी पैदा होती है. ऐसे ही गेम खेलने से प्रॉसेसर गर्म होता है और चार्ज पर लगे होने से बैटरी भी गर्म होने लगती है. इससे थर्मल रनअवे की कंडीशन पैदा होने के चांस बढ़ जाते हैं.
# फ़ोन में कुछ गड़बड़ी हो जाने पर फ़ौरन ही उसको ठीक करवाइए. कई बार हार्डवेयर की दिक्कत के चलते भी फ़ोन में ब्लास्ट होने या आग लगने की नौबत आ जाती है.
# बैटरी अगर फूल गई है, तो उसे फ़ौरन ही बदलवा लें. बैटरी में लीकेज होने पर वो फूलती है और फिर चार्ज पर लगाने से आग पकड़ने का ख़तरा बढ़ जाता है.
मोबाइल फोन ब्लास्ट को लेकर ‘जितने मुंह उतनी बातें’ जैसा हाल है. हर कोई अपने हिसाब से कारण गिनाता है. स्मार्टफोन मेकर्स तो इसके लिए बाकायदा काउंटर भी देते हैं. जैसे हम तो सारे टेस्ट करते हैं. फलाना स्टैंडर्ड फॉलो करते हैं. वग़ैरह-वग़ैरह. इसलिए बेहतर यही होगा कि आप सावधानी बरतें और सुरक्षित रहें.