लखनऊ । केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार अपने बयान पर घिर गए हैं। कांग्रेस, बसपा और सपा समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने केंद्रीय मंत्री द्वारा इसे उत्तर भारतीयों का अपमान बताया है। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्रीय मंत्री पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि आप उत्तर भारतीयों का अपमान करके बच निकलना चाहते हैं, ये नहीं चलेगा।
वहीं देश में आर्थिक मंदी को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार हमला करने वाली बसपा मुखिया मायावती ने भी मोदी सरकार के साथ केंद्र के मंत्रियों पर निशाना साधा। मायावती ने आर्थिक मंदी को बेहद गंभीर बताते हुए मंदी को लेकर मंत्रियों के बयानों को बेहद शर्मनाक बताया है।
मायावती ने कहा कि देश में छाई आर्थिक मंदी आदि की गंभीर समस्या के संबंध में केंद्रीय मंत्रियों के अलग-अलग हास्यास्पद बयानों के बाद अब देश व खासकर उत्तर भारतीयों की बेरोजगारी दूर करने के बजाए यह कहना कि रोजगार की कमी नहीं बल्कि योग्यता की कमी है, अति-शर्मनाक है जिसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। मायावती के निशाने पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार हैं। मायावती ने कहा है कि मंत्रियों को इस तरह के शर्मनाक बयान पर माफी मांगनी चाहिए।
बसपा मुखिया के साथ ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया है। मायावती व प्रियंका गांधी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और श्रम एवं रोजगार मंत्री को आड़े हाथों लिया। उन्होंने लिखा कि देश में छाई आर्थिक मंदी आदि की गंभीर समस्या के सम्बंध में केन्द्रीय मंत्रियों के हास्यास्पद बयान आ रहे हैं। अब देश व खासकर उत्तर भारतीयों की बेरोजगारी दूर करने के बजाए यह कहना कि रोजगार की कमी नहीं बल्कि योग्यता की कमी है, अति-शर्मनाक है जिसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।
प्रियंका गांधी ने कहा है कि जो नौकरियां थीं वह सरकार की लाई गई आर्थिक मंदी के चलते छिन रही हैं। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर श्रम मंत्री पर निशाना साधते हुए लिखा कि मंत्रीजी पांच वर्ष से ज्यादा आपकी सरकार है। नौकरियां पैदा नहीं हुईं। जो नौकरियां थीं वे सरकार की लाई आर्थिक मंदी के चलते छिन रही हैं। नौजवान रास्ता देख रहे हैं कि सरकार कुछ अच्छा करे। आप उत्तर भारतीयों का अपमान करके बच निकलना चाहते हैं। ये नहीं चलेगा।
युवाओं का मनोबल तोड़ा : अखिलेश
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गंगवार के बयान को युवाओं का मनोबल तोड़ने वाला बताया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘भाजपा के मंत्री जी ने ये कहकर युवाओं का मनोबल तोड़ा है कि देश में रोजगार की नहीं बल्कि काबिल युवाओं की कमी है। अगर एक क्षण को ये झूठी बात मान भी लें तो क्या युवाओं को काबिल बनाने का दायित्व सरकार का नहीं है। दरअसल कमी काबिल युवाओं की नहीं; देश-प्रदेश में काबिल सरकार की है।’
गंगवार ने बरेली में कहा था- देश में रोजगार के मौकों की कमी नहीं, पर्याप्त कौशल का इंतजार
बरेली से सांसद तथा केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने शनिवार को बरेली में प्रेंस कॉन्फ्रेंस में उत्तर भारत के लोगों की योग्यता पर ही सवाल खड़े कर दिया था। उनके बयान से बवाल मच गया। केंद्र सरकार के सौ दिन पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार आइवीआरआइ में प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ यह एलान भी किया। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को लेकर सरकार भी गंभीर है। जल्द ही इसका समाधान निकलेगा। देश में रोजगार की कमी नहीं है। केंद्रीय श्रम मंत्री ने कहा कि देश में रोजगार की स्थिति पर उनका मंत्रलय भी निगाह रख रहा है। रोजगार कार्यालयों में लोगों ने पंजीकरण करा रखा है। अच्छी नौकरी भी मिल चुकी है, लेकिन बेहतर की तलाश में अभी तक नाम नहीं कटवाया है। इस बारे में आमजन को पहल करनी होगी।
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने को उपलब्धि बताया। मीडिया की ओर से हुए सवाल पर उन्होंने कहा कि मीडिया से ही जानकारी मिल रही है कि ऑटो सेक्टर में मंदी है। देश में आर्थिक मंदी और रोजगार सृजन पर भी चर्चा हो रही है। सरकार इन सभी मुद्दों पर गंभीर है। आर्थिक मंदी से इंकार करते हुए कहा कि महंगाई पर लगाम लगी है। रोजगार की भी कमी नहीं है लेकिन एक्सपर्ट की कमी जरूर है। इस पर भी सरकार कोशिश कर रही है। नौकरी के लिए रिक्रूट करने आने वाले अधिकारी बताते हैं कि उन्हें जिस फन के लिये लोग चाहिये। उनमें वह योग्यता नहीं है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले पांच साल में अपने कार्य से जनता में शासन के प्रति विश्वास जगाया है। देश में आर्थिक मंदी जैसी स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाये हैं। इनमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय भी शामिल है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और कई अन्य योजनाओं के जरिये सरकार ने छोटे व्यापारियों को बड़ा उद्यमी बनाने की कोशिश की है। जिससे देश में रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। केंद्र सरकार 2024 तक हर घर में पीने का पानी पहुंचाने के प्रति वचनबद्ध है। ग्रामीण क्षेत्रों के 18 करोड़ परिवारों में से कुल तीन करोड 52 लाख परिवारों को ही नल से पीने का पानी मिल रहा है।