नगीना सीट से जीत कर आए सांसद एडवोकेट चंद्रशेखर आजाद ने अपने तेजतर्रार अंदाज़ में कड़े लफ्जों में संसद में कहा कि सरकारी पैसों पर क्या केवल एक ही धर्म का अधिकार है। उन्होंने सरकार से पूछा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती पर वह कितना पैसा खर्च करेगी। धर्म के नाम पर धंधा और लूट नहीं होनी चाहिए। इसकी जवाबदारी सरकार की है। यह बातें 3 फरवरी को संसद भवन में आयोजित राष्ट्रपति के अभिभाषण सत्र के दौरान कही।
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने अभिमाषण में कहा कि सरकारी पैसे पर क्या एक ही धर्म का अधिकार है। कुंभ मेले में 7.50 हजार करोड़ रुपए खर्च किए। आप रविदास जयंती पर कितना खर्च करेंगे। आप 14 अप्रैल को डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती होती है जिसकी दुनिया जय जय कार करती है। उसे पर कितना खर्च करेगी। और उनके विचारों को आगे बढ़ाने के लिए आप क्या सहयोग करेंगे यह सवाल बहुत बड़ा है।
सांसद चंद्रशेखर ने स्पीकर दिलीप सैकिया के माध्यम से सरकार को कहा कि क्या आप देश से दलितों पिछड़ों आदिवासीयों को निकाल देना चाहती है सरकार, जिस तरह से उनके अधिकारों को स्कॉलरशिप को उनकी पढ़ाई को हॉर्स सिस्टम में कोई पैसा खर्च नहीं हो रहा है क्या उनको निकाल के इस देश को ऐसा देश बनाना चाहते हैं जहां कुछ ही धर्म के लोग रहेंगे। सर मैं यह कहना चाहता हूं देश सबका है और अगर सरकार यह तय कर कर बैठ गई की वे दलितों मुसलमानो पिछड़ों आदिवासीयों को निकाल देगी तो सर ये संभव नहीं है। इतनी बड़ी आबादी है हम अंबेडकरवादी लोग उनके पक्ष में खड़े हैं की हर व्यक्ति का संरक्षण करेंगे और मैं आपके माध्यम से सरकार को चेतावनी के तौर पर कहना चाहता हूं कि सरकार अपनी आदत में सुधार करें वरना इसके परिणाम सड़कों पर बहुत भारी होंगे। अगर मुसलमान को दलितों को आप लोग निकालने के बारे में सोचोगे और उनके धार्मिक आस्था का अपमान करोगे तो हम लोग किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
अंत में उन्होंने कहा कि सरकार सभी का ध्यान रखें गरीबों का ज्यादा ध्यान रखें क्योंकि अभी जब कटाई हुई है। 2800 का टिकट है इलाहाबाद का 56 हजार का हुआ था। मैंने मंत्री जी से कहा तब जाकर संज्ञान लिया तब जाकर टिकट आधे हुए। इसलिए कह रहा हूं धर्म के नाम पर धंधा और लूट नहीं होनी चाहिए। इसकी जवाबदारी सरकार की है।