कर्मचारी को गंजा कहकर अपमानित करने वाले सुपरवाइजर को कोर्ट ने तगड़ी फटकार लगाई है और साथ में ऐसी बातें कही हैं, जिसकी खूब चर्चा हो रही है। कर्मचारी ने कोर्ट में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज करवाया था, जिसके बाद सुपरवाइजर ने भड़कते हुए गंजा और बेकार आदमी कह दिया था। अब इस पर कोर्ट ने भी फैसला सुनाया है, उसे सुनकर हर कोई हैरान है।
मामला ब्रिटेन का है। यहां के हाई कोर्ट ने फैसला दिया है कि किसी पुरुष को ‘गंजा’ कहना यौन उत्पीड़न माना जाएगा। जज ने कहा कि किसी पुरुष के बारे में इस शब्द का प्रयोग समानता कानून का उल्लंघन हो सकता है। इलेक्ट्रीशियन टोनी फिन की तरफ से केस दर्ज करवाया गया था। टोनी का दावा किया था कि 2019 में ब्रिटिश बंग कंपनी ने विवाद के बाद अपमानित करके नौकरी से निकाल दिया था।
2021 में दर्ज हुआ था केस
कंपनी में इलेक्ट्रीशियन के तौर पर काम करने वाले कर्मचारी ने दावा किया कि वह भेदभाव का शिकार हुआ, क्योंकि सुपरवाइजर जेमी किंग ने बहस के दौरान उसे ‘गंजा आदमी’ कहा। साल 2021 में बर्खास्त किए जाने के बाद टोनी कोर्ट चले गए। अब कोर्ट ने कहा कि किसी को गंजा कहना ना सिर्फ अपमान है बल्कि यौन शोषण भी है।
जज ने कहा कि किसी पुरुष के बालों की कमी पर टिप्पणी या तंज करना किसी महिला के स्तनों के आकार के बारे में बोलने के बराबर है। पुरुष अधिक गंजे होते हैं, ऐसे में यह टिप्पणी पुरुषों को ध्यान में रखकर ही गई थी। इससे यह कहा जा सकता है कि लिंग (पुरुष या महिला) को ध्यान में रखकर टिप्पणी की गई, ऐसे में यह एक यौन शोषण माना जा सकता है।
बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि कई महिलाओं के भी बाल नहीं होते हैं, जैसे कोई इलाज के दौरान गंजा हो जाता है तो कोई किसी बीमारी के कारण। ऐसे में इस टिप्पणी को लिंग से जोड़कर देखना उचित नहीं है लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और यह भी कहा कि पीड़ित को मुआवजा मिलना चाहिए।