रायपुर : टीबी और कुपोषण मुक्ति की जंग अब साथ-साथ लड़ी जा रही है। इससे मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को अतिरिक्त बल मिल रहा है। कबीरधाम जिले ने स्वास्थ्य और पोषण सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना‘ और मुख्यमंत्री हाटबाजार क्लीनिक योजना‘ के शुभारंभ के पहले ही कुपोषण मुक्ति और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए अपनी लड़ाई तेज कर दी और विभिन्न नवाचार के माध्यम से इस दिशा में प्रयास किये जाने लगे। इसी कड़ी में कवर्धा जिले में इस साल अगस्त माह से सभी आवश्यक पोषक तत्वों का समावेश कर कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने फूड बास्केट दिया जा रहा है। इसके साथ ही कुपोषित और टीबी से ग्रसित 60 बच्चों को फूड बास्केट में अलग से प्रोटीन पाउडर वितरित किया रहा है।
प्रोटीन बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। खासकर टीबी बीमारी के चलते बच्चे कमजोर हो जाते हैं। टीबी से पीड़ित बच्चों के विकास के लिए पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इसे देखते हुए कवर्धा जिला क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य पोषक तत्वों के साथ ही जिले के टीबी से ग्रसित में 0-14 वर्ष के बच्चों को प्रोटीन पाउडर दिया जा रहा है। पिछले वर्ष जिले में 663 टीबी के मरीज चिन्हांकित हुए थे वहीं इस वर्ष जनवरी 2019 से अगस्त 2019 के मध्य कुल 493 टीबी के मरीज पाए गए हैं। इनमें 60 बच्चे शामिल हैं। जिनका उपचार और देखरेख जिला क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत हो रहा है। शासन के प्रयासों से मरीजों की संख्या में कमी आई है। इस दिशा में तेजी से काम करते हुए टीबी और कुपोषण से मुक्ति के प्रयास किये जा रहे हैं। जिला क्षय नियंत्रण समिति द्वारा टीबी से बचाव और जन जागरूकता के लिए एक खास तरह का बैग भी तैयार किया गया है। बैग से ‘चाहिए नेतृत्व अपार, टीबी मुक्त हो संसार‘ स्लोगन के सहारे टीबी बीमारी के लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी दी जा रही है।