Johar36garh (Web Desk)|छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में पुलिस कस्टडी में हुए युवक की मौत का मामला और गहराता जा रहा है. पुलिस की जांच पर ही परिवार वाले सवाल खड़े किए जा रहे हैं. मृतक की पत्नी ने डराने धमकाने का बड़ा आरोप लगा दिया है. दरअसल, सूरजपुर के सलका गांव निवासी पंकज बेक के पुलिस कस्टडी में आत्महत्या के मामले में पुलिस जांच पर परिजन फिर सवाल खड़े कर रहे हैं. एक साल पहले 21 जुलाई 2019 को सलका निवासी मृतक पंकज बेक और उसके साथी इमरान को अंबिकापुर पुलिस चोरी के मामले में पूछताछ के लिए ले गई थी. जहां रात को अंबिकापुर कोतवाली थाने के कुछ दूर पर पंकज बेक की फांसी के फंदे पर लटकी लाश मिली. मृतक के शरीर पर कई चोट के निशान भी मिले थे.
इसके बाद परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था और क्षेत्रवासी लगातार आंदोलन कर रहे थे. वहीं पूरे मामले में जांच के भी आदेश दे दिए गए. ऐसे में विभागीय जांच का जिम्मा सूरजपुर के एडिशनल एसपी को सौंपा गया. गुरुवार को मृतक पंकज की पत्नी रानु बेक और मृतक के साथी इमरान को बयान जांच के लिए बुलाया गया. पुलिस कस्टडी में हुए मौत के आरोपी तत्कालीन प्रभारी भी वहां मौजूद थे. इस दौरन मृतक की पत्नी रानु ने आरोप लगाया कि पुलिस सही जांच नहीं कर रही है. उसने कहा कि आरोपी तत्कालीन अंबिकापुर थाना प्रभारी विनित दुबे के द्वारा ही पूछताछ किया जा रहा था और डराने धमकाने जैसी हरकत की जा रही थी. ऐसे में रानु बेक ने पुलिस अधीक्षक समेत शासन को पत्र लिखकर पूरे मामले में लिखित रूप से अपना बयान देने की मांग कर पूरे पुलिस विभाग के जांच पर सवाल खड़े कर दिए.
वहीं पूरे मामले के जांच अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीएस महिलाने ने बताया कि जांच में कोई गड़बड़ी नहीं की जा रही है. विभागीय जांच के अनुसार ही तत्कालिन थाना प्रभारी ने मेरे सामने ही पीड़िता से बात किया था. पूछताछ किया गया है. किसी भी प्रकार से डराया धमकाया नहीं गया है.