पामगढ़ का कन्या स्कूल परिसर बना मयखाना, बाज़ नहीं आ रहे बेवड़े

जांजगीर चांपा जिला के पामगढ़ में बेवड़े किसी भी हद तक गुजर जा रहे हैं, पीने से पहले वह यह भी नहीं देखते हैं कि वह जगह कौन सी है, हद तो तब हो जाती है जब अपने खाने पीने की चीजों को मौके पर ही फैला कर चले जाते हैं।

 


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ऐसा ही एक मामला पामगढ़ के सावित्रीबाई फुले शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में देखने को मिला, यहां बने सीसी रोड में बेवड़ो ने महफिल जमाई थी, इसके बाद अपना पूरा कूड़ा करकट मौके पर ही छोड़कर चले गए। आलम यह है की बारिश होने के बाद सभी चीज इधर-उधर फैल गई और बदबू देने लगी। यहीं पर से बच्चे चलकर स्कूल की ओर जाते हैं। जिन्हें भारी बदबू और गंदगी का सामना करना पड़ रहा है। पामगढ़ में अब कन्या शाला जैसी जगह भी सुरक्षित नहीं रही, बेवड़े अब इन जगहों पर भी अपना डेरा जमाने लगे हैं। जबकि इन बेवड़ो के भी बहन या रिश्तेदार इस स्कूल में पढ़ते होंगे।

 


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जिस जगह पर इन्होंने गंदगी फैलाई है वह स्कूल जाने का मुख्य मार्ग है, खाने पीने की चीज डिस्पोजल शराब की सीसी के लेवल सिगरेट माचिस जैसे तमाम मादक वस्तुएं पड़ी हुई थी। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। स्कूलों में बच्चों को इन्हीं चीजों से दूर रहने की सलाह दी जाती है, और बताया जाता है कि इनका सेवन करना कितना हानिकारक हो सकता है, लेकिन जब यह बच्चे स्कूल प्रवेश करने से पहले ही इन्हीं सब का दर्शन करना पड़ रहा है।

 


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प्रशासन को चाहिए कि कम से कम स्कूल, स्टेडियम जैसी जगह पर, जहां बच्चों का आना-जाना लगा रहता है इन जगहों पर सख्त नज़र रखें, ताकि बच्चों पर इनका असर ना पड़े।

 


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