रायगढ़ मेडिकल कालेज अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं के बजाए मानो इलाज में लापरवाही परोसा जा रहा है। ऐसा आरोप 8 माह की गर्भवती महिला के मौत के बाद उसके स्वजनो ने लगाया है। घटना की सूचना पर पुलिस ने मामले को विवेचना में लिया है। परिजनों का कहना था कि मोनी कुर्रे की मौत होने के 24 घंटे बाद तक मृतिका के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए पुलिस ने भी उन्हें खूब छकाया। कई बार थाना के चक्कर लगवाए और फिर नायब तहसीलदार और पुलिस पहुंची।
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जानकारी के अनुसार, कोतवाली थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर निवासी मोनी कुर्रे पति चंदन कुर्रे उम्र 19 वर्ष की अभी एक साल पहले ही शादी हुई थी। जिससे वह आठ माह से गर्भवती थी। ऐसे में दो जुलाई को उसे लेबर पेन हुआ तो परिजनों ने उपचार के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उपचार चल रहा था।
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इस दौरान महिला बच्चे को जन्म नहीं दे पाई, जिससे उसकी तबीयत गंभीर होने लगी और दोपहर करीब 2 बजे जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई। ऐसे में जब परिजनों ने मौत के कारण जानने का प्रयास किया तो उन्हें बताया गया कि महिला को झटका आने लगा था, जिससे उसकी मौत हो गई।
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लेकिन परिजनों का कहना था कि मोनी को किसी प्रकार की झटका नहीं आया था, उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। ऐसे में अगर समय रहते उसे आईसीयू में भर्ती किया गया होता तो उसकी जान बच जाती। वहीं शनिवार की शाम नायब तहसीलदार गिरीश निंबलकर की उपस्थिति में चक्रधरनगर पुलिस ने पीएम उपरांत शव परिजनेां को सौंप दिया है। आगे पुलिस का कहना है कि अब पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा।
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