जांजगीर जिला के पामगढ़ में हृदयविदारक सड़क दुर्घटना में जान गवाने वाले पिता, पुत्र और नतनीन को रविवार की शाम अंतिम संस्कार किया गया| तीनो के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुचे थे| सभी की आंखे नम थी| वे अंत तक उस घटना को ही याद कर रहे थे|
पिता-पुत्र का एक साथ दाह संस्कार किया गया| जबकि बच्ची आशा को दफन किया गया|
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कोनारगढ़ में आज सुबह से ही वीरानी छाई थी| जब पामगढ़ से पोस्टमार्डम के बाद पार्थिव शरीर जब गाँव पहुंचा तब सब के आंखे आशु से भर आई| शव दोपहर 12 बजे के आसपास गाँव पहुंचा| जिसके बाद सभी का विधि विधान के बाद पिता-पुत्र का एक साथ दाह संस्कार किया| जबकी बच्ची को दफन किया गया|
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आपको बता की शनिवार की दोपहर 12 बजे 3 साल की बच्ची आशा का जन्मदिन मनाने के लिए मामा चन्द्र कुमार, नाना रामकुमार और नानी सतरूपा एक बाइक में बैठकर परसदा से कोनारगढ़ आ रहे थे| वे दोपहर 12:30 बजे के आसपास बिलासपुर मुख्य मार्ग के पास पहुंचे थे की किसी भारी वाहन ने पीछे उनकी बाइक को रौंद दिया| जिससे पिता-पुत्र और नतनीन की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई| जबकि सतरूप ठोकर से बाद दूर जा गिरी जिससे उसकी जान तो बच गई, लेकिन गंभीर चोट आई| राहगीरों की मदद से घटना की सूचना मुलमुला थाना में दी गई| जिसके बाद घायल महिला सहित सभी को पामगढ़ के स्वास्थ्य केंद्र लाया गया| डॉक्टरो ने तीनो की मृत घोषित कर दिया| जबकि घायल महिला को बिलासपुर रिफर कर दिया| जहाँ उनका उपचार जरी है |
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