जिला अस्पताल में बच्चे की अदला-बदली, परिजन ने की शिकायत, अब डीएनए टेस्ट से होगा फैसला

0
108
जिला अस्पताल में बच्चे की अदला-बदली

दुर्ग. जिला अस्पताल दुर्ग में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिससे दो परिवारों में हड़कंप मच गया है. अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में स्टाफ की चूक के कारण दो नवजात शिशु आपस में बदल गए. बच्चे की अदला-बदली का यह गंभीर मामला डिलीवरी के आठ दिन बाद तब सामने आया, जब एक परिवार को संदेह हुआ और उन्होंने शिशु के जन्म के समय की तस्वीरें जांची. इसके बाद यह स्पष्ट हो गया कि उनके साथ अस्पताल में भारी लापरवाही हुई है. वहीं इस मामले की जांच के लिए कलेक्टर ने टीम गठित कर दी है.

 

बच्चे की अदला-बदली : दरअसल मामला सिंह और कुरैशी परिवार से जुड़ा हुआ है. दोनों परिवारों की महिलाओं ने लगभग एक ही समय पर अस्पताल में शिशु को जन्म दिया था. अस्पताल के स्टाफ ने लापरवाही बरतते हुए नवजात बच्चों को गलत परिवारों को सौंप दिया. शुरुआत में किसी को इस अदला-बदली की भनक नहीं लगी, लेकिन आठ दिन बाद जब कुरैशी परिवार को संदेह हुआ, तब उन्होंने बच्चे की जन्म के समय की तस्वीरों की जांच शुरू की. जन्म के समय की तस्वीरों में बच्चा अलग दिखने पर परिवारों ने अस्पताल प्रशासन से शिकायत की और डीएनए टेस्ट कराने की मांग की. वहीं इस मामले में कलेक्टर ने दुर्ग सीएमएचओ के माध्यम से जांच समिति गठित कर दी है.

 

इसे भी पढ़े :-LIC आधार शिला स्कीम, छोटी बचत से होगा लाखों का मुनाफा, सकता है तगड़ा रिटर्न

 

बच्चे की अदला-बदली : जांच के दौरान पता चला कि अस्पताल के स्टाफ ने गलती से दोनों बच्चों को गलत माता-पिता को सौंप दिया था. जब इस मामले का खुलासा हुआ तो सिंह परिवार ने बच्चे की अदला-बदली से साफ इनकार कर दिया. उनका कहना था कि आठ दिन में ही उन्होंने बच्चे से गहरा भावनात्मक लगाव बना लिया है और अब वे किसी भी कीमत पर बच्चे को वापस नहीं करेंगे. वहीं कुरैशी परिवार अपने असली बच्चे को वापस लेने के लिए अड़ा हुआ है. इस लापरवाही के सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.

बच्चे की अदला-बदली : यह पहली बार नहीं है जब सरकारी अस्पतालों में ऐसी लापरवाही सामने आई हो. नवजात शिशुओं की सही पहचान के लिए कई अस्पतालों में आईडी टैग या पहचान चिह्न का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इस मामले में स्टाफ की लापरवाही के चलते यह प्रक्रिया ठीक से लागू नहीं की गई. वहीं बच्चे के मामा अमीर खान ने बताया कि 23 जनवरी को शबाना कुरैशी (पति अल्ताफ कुरैशी) और साधना सिंह ने दोपहर क्रमशः 1:25 बजे और 1:32 बजे बेटों को जन्म दिया.

 

अस्पताल में नवजात शिशुओं की पहचान के लिए जन्म के तुरंत बाद उनके हाथ में मां के नाम का टैग पहनाया जाता है, जिससे किसी तरह की अदला-बदली न हो. इसी प्रक्रिया के तहत दोनों नवजातों की जन्म के बाद अपनी-अपनी माताओं के साथ तस्वीरें भी खींची गईं थी. डिस्चार्ज के दौरान बच्चा बदला बदली का शक हुआ तो अस्पताल प्रबंधन से शिकायत की गई. जांच में शिकायत सही पाई गई है. अस्पताल के स्टॉफ की लापरवाही के कारण यह हुआ है.

 

5 बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर बढ़ाई ब्याज, अब मिलेगा अधिक पैसा, देखें कौन-कौन से बैंक है शामिल