गुजरात के साबरकांठा जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. एक आवासीय विद्यालय में प्रबंधक ने करीब 12 छात्राओं को स्टील के गर्म चम्मच से दाग दिया. आरोप है कि प्रबंधक ने सुबह जल्दी न उठने को लेकर इन छात्राओं को सजा दी. प्रबंधक ने छात्राओं से कहा कि अगर इसके बाद तुम लोग जल्दी नहीं उठोगी तो और सजी दी जाएगी. फिलहाल मामला सुर्खियों में आने के बाद पुलिस ने आरोपी प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, साबरकांठा जिले नचिकेता विद्या संस्थान के नाम से एक आवासीय विद्यालय है. हालांकि इस विद्यालय का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है. बिना रजिस्ट्रेशन के ही इसको चलाया जा रहा है. इस विद्यालय के प्रबंधक रंजीत सोलंकी के खिलाफ एक 10 वर्षीय छात्र के पिता रामाभाई तराल ने खेरोज थाने में शिकायत की. छात्र के पिता ने आरोप लगाया कि रंजीत सोलंकी ने उनके बेटे और 11 अन्य छात्रों को लगभग दो महीने पहले स्टील के गर्म चम्मच से दागा था. आए दिन रंजीत सोलंकी छात्र-छात्राओं को धमकाता रहता है.
मामले को लेकर डिप्टी एसपी स्मित गोहिल ने कहा कि छात्र के पिता की शिकायत पर जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने जांच कराई. जांच में पता चला है कि यह विद्यालय नहीं है, बल्कि एक अपंजीकृत गुरुकुल है, जिसमें छात्रों को उपनिषद, रामायण और वेद पढ़ाने के लिए एक ट्रस्ट द्वारा छात्रावास सुविधा संचालित की जा रही है.
रामाभाई तराल की शिकायत के अनुसार, रंजीत सोलंकी ने उनके नाबालिग बेटे और 11 अन्य छात्रों को सुबह जल्दी नहीं उठने के लिए डांटा था. यह भी दावा किया है कि ट्रस्ट ने स्थानीय आदिवासियों को आश्वस्त किया कि नचिकेता विद्या संस्थान छात्रावास सुविधा वाला नियमित विद्यालय है और छात्र 10वीं कक्षा तक यहां पढ़ाई कर सकते हैं और रह भी सकते हैं.
रामाभाई तराल ने अपनी शिकायत में कहा, एक हफ्ते पहले, मुझे किसी से पता चला कि विद्यालय में छात्रों पर अत्याचार किया जा रहा है. उस दावे की जांच करने के लिए, मैं कुछ दिन पहले विद्यालय गया था. मेरे बेटे के पैरों पर जलने के निशान थे, लेकिन उसने किसी अज्ञात डर से कुछ नहीं बताया. बाद में, उसने मुझे बताया कि दो महीने पहले रंजीत सोलंकी ने उसे जल्दी नहीं उठने के लिए डांटा था.
रामाभाई तराल ने अपनी शिकायत में कहा, हमें छात्रों से पता चला कि रंजीत सोलंकी ने जल्दी न उठने की सजा के तौर पर 12 छात्रों को एक-एक करके गर्म चम्मच से दागा था. डर के मारे छात्रों ने इतने दिनों तक अपने अभिभावकों से कुछ नहीं कहा

