बच्चे भगवान का रूप होते हैं. उनको वर्गलाया नहीं जा सकता. एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर से सामने आया जहां एक बेटे की गवाही पर सौतेले पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
कमाल की बात ये है कि सौतेले पिता ने हत्या को छुपाने के लिए बेटे को 5 रुपए और कुरकुरे का लालच दिया था लेकिन इसके बावजूद बेटे ने अपनी मां के हत्यारे को सजा दिलवा दी.
कानपुर के बाबूपुरवा निवासी सलीम अंसारी ने 4 अगस्त, 2020 को मुकदमा दर्ज कराया था की उसके किरायेदार नमरू ने अपनी पत्नी नसरा की कुल्हाड़ी से काट कर हत्या कर दी है. पुलिस ने इस हत्याकांड में नसरू को कुछ दिन बाद गिरफ्तार कर लिया था. जांच के दौरान पता चला की नसरा की पहली शादी से दो बच्चे थे और पति की मौत के बाद उसने नमरू से दूसरी शादी की थी. लेकिन नमरू अपनी पत्नी नसरा को आए दिन मारा पीटा करता था. दोनों में बहुत लड़ाई होती थी.
5 रुपए और कुरकुरे का लालच
घटना वाले दिन भी पति-पत्नी में लड़ाई हुई और नमरू ने कुल्हाड़ी से अपनी पत्नी की हत्या कर दी. घटना के समय नसरा की पहली शादी से हुआ 7 साल का बेटा भी वहीं मौजूद था. हत्याकांड को छुपाने के लिए नमरू ने सौतेले बेटे को 5 रुपए और कुरकुरे दिए और खाला के घर जाने को बोला. साथ ही बोला की वो इस हत्या के बारे में किसी को कुछ ना बताए.
बेटे ने दी गवाही
लेकिन हुआ इसका उल्टा. सरकारी अधिवक्ता अजय कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट में बेटे ने चश्मदीद गवाह के रूप में बयान दिया और साफ बताया की उसके सौतेले पिता ने ही उसकी मां की हत्या की थी. बेटे और बाकी लोगों की गवाही के आधार पर एडीजे 23 कीर्ति कुणाल की कोर्ट ने नमरू को आजीवन कारावास की सजा सुना दी.