लखनऊ । राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में आज शिक्षक दिवस पर माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो शिक्षकों को सरस्वती सम्मान सहित 31 शिक्षकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा के साथ कार्यवाहक मुख्य सचिव आरके तिवारी भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के प्रयास और उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि किताबों की सैद्धांतिक शिक्षा के साथ ही बच्चों को जीवन का व्यावहारिक ज्ञान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर चीज को वोटों के राजनीति की नजर से न देखें। अभी देशहित में कई महत्वपूर्ण फैसले हुए। क्या शिक्षकों का दायित्व नहीं था कि बच्चों के साथ अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर से हटाए जाने के फैसले पर बात करते। महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाए गए कदम ट्रिपल तलाक पर बात होनी थी। उनके सामने सभी पक्ष रखते। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को अभिनंदन पत्र भेजते।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज और राजनीतिक क्षेत्र के विषयों का भी ज्ञान बच्चों को देना चाहिए। इसी तरह स्वच्छ भारत अभियान के प्रेरक भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों, लेकिन यह हर भारतवासी का अभियान है। इसके प्रति भी शिक्षकों की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को बच्चों से सतत संवाद बनाये रखने के लिए भी कहा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में हमारी सरकार के कार्यभार संभालने के बाद से ही हमने गुणवत्ता परक शिक्षा व्यव्स्था लागू करने का फैसला किया। हम इसमें सफल भी रहे। शिक्षा विभाग में तेजी से बदलाव आया है। हमारी सरकार शिक्षा के हर स्तर पर अच्छा कार्य करने वालों को सम्मानित कर रही है। हमको शिक्षा के क्षेत्र में हर एक स्तर पर कुछ नया देखने को मिला।
उन्होने कहा कि हमारे कार्यकाल में उच्च शिक्षा में पाठ्यक्रम के साथ ही सत्र भी नियमित सत्र हुआ है। इसके साथ ही हमको माध्यमिक शिक्षा में नकल रोकने में सफलता मिली है। एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को बेसिक शिक्षा में लाया गया है। यूपी में आज हर छात्र-छात्रा को परीक्षा पास करने के योग्य बनाया जा रहा है। सरकार हर स्तर पर उनकी बौद्धिक बढ़ाने के साथ उसके विकास के अभियान में लगी है। उच्च, माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग ने जो प्रयास किया आज उसके नतीजे मिल रहे हैं।
शिक्षा के लिए जागरूकता का कार्यक्रम चलाया गया है। माध्यमिक शिक्षा में बड़ी चुनौती थी कि किस तरह नकलविहीन परीक्षा हो सके। आज दो वर्षो में हमने यह करके भी दिखाया है। नकलविहीन परीक्षा के साथ शिक्षा की गुणवत्ता के तरह भी विभाग का ध्यान गया। यह सकारात्मक काम है। जीवन को हर एक घटना हमें सिखाती है। हम इसको इस लिए संभव कर पाए क्योकि सबका साथ था।
प्रदेश में निजी विशवविद्यालय में भी एक नीति हो नही तो पिक एंड चूज का काम होता था। आज हमने नीति बनाई है। आज के समय में शिक्षक समय नही दे पा रहा है। शिक्षक बच्चों को सही दीक्षा और दिशा नही दिखा पा रहे। यह शिक्षक की जिम्मेदारी है कि देश के घटनाओं की जानकारी बच्चों को दें। कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के कदम को स्कूलों में डिबेट के माध्यम से बताया जाना चाहिए। शिक्षकों को बताना चाहिए कि अनुच्छेद 370 का विरोध श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने क्यों किया था। इस पर तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर जगह से अभिनंदन पत्र भेजा जाना चाहिए।
शिक्षकों को स्कूल को अच्छा बनाने का संकल्प लेने की सलाह
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज अच्छा कार्य करने वाले शिक्षकों की सराहना का अवसर है। अपने शिक्षिका, शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के कार्यकाल के अनुभव उन्होंने सुनाए। बेहतर कार्य करने वाले कुछ शिक्षकों के उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि यह सच है कि जब जब भाजपा की सरकारें आती हैं, तब तब परिवर्तन होते हैं। शिक्षकों को सलाह दी कि बच्चों को टूर पर ले जाएं। उनके अनुभव निबंध के रूप में लिखवाएं। मध्यान्ह भोजन पर नजर रखें, बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता करें। राज्यपाल ने अपने अपने स्कूल को अच्छा बनाने का संकल्प लेने की सलाह भी शिक्षकों को दी।
पूरी होगी आवास भत्ते की मांग : डॉ. शर्मा
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि पहली बार वित्तविहीन कॉलेजों के शिक्षकों का सम्मान सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षक नई पीढ़ी का सृजन करते हैं। देश की राजनीतिक दिशा और दशा के सूचक बन सकते हैं। शिक्षक दिवस पर शिक्षकों की आवास भत्ते की मांग पूरी होने की घोषणा भी उन्होंने की। मंच पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार, माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीशचंद द्विवेदी, मुख्य सचिव आरके तिवारी और प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला भी थीं।
सम्मानित हुए शिक्षक
सरस्वती सम्मान
डॉ. शिवराज सिंह, चौधरी चरण सिंह विवि, मेरठ
डॉ. कृष्णकांत शर्मा, मुलतानीमल मोदी महाविद्यालय, मोदीनगर गाजियाबाद
शिक्षक श्री सम्मान
डॉ. पूनम टंडन, लखनऊ विवि
प्रो. हृदय शंकर सिंह, चौधरी चरण सिंह विवि, मेरठ
डॉ. संतशरण मिश्र, डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विवि, अयोध्या
डॉ. सिकंदर लाल, कौशल्या भारत सिंह गांधी राजकीय महाविद्यालय, ढिढुई पट्टी, प्रतापगढ़
डॉ. अमिता सरकार, आगरा कॉलेज
डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव, लाल बहादुर शास्त्री गल्र्स कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट, लखनऊ
राज्य अध्यापक पुरस्कार
विजय कृष्ण सारस्वत, गांधी इंटर कॉलेज, मथुरा
शुभा वाशिंगटन, मैरी वानामेकर गल्र्स इंटर कॉलेज, प्रयागराज
अनिल वशिष्ठ, श्री रत्नमुनि जैन इंटर कॉलेज, आगरा
डॉ. राम धीरज शुक्ल, राजकीय अभिनव इंटर कॉलेज, दांदूपुर चाका, प्रयागराज
डॉ. राजेश कुमार सिंह यादव, राजकीय क्वींस इंटर कॉलेज, वाराणसी
डॉ. दिवाकर मिश्र, बीएनएसडी इंटर कॉलेज, चुन्नीगंज, कानपुर नगर
डॉ. भूदेश्वर पांडेय, जगतजीत इंटर कॉलेज, इकौना, श्रावस्ती
चंद्रप्रकाश अग्रवाल, शिवकुमार जनता इंटर कॉलेज, जहांगीराबाद, बुलंदशहर
मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार
सत्येंद्र सिंह, नगर निगम इंटर कॉलेज, ताजगंज, आगरा
अनिल कुमार श्रीवास्तव, नागेश्वर सिंह विद्या भवन, देलापुर, बस्ती
श्रवण कुमार श्रीवास्तव, आनंदी देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, नैपालपुर, सीतापुर
डॉ. हेमलता शुक्ला, कनौसा कॉन्वेंट गल्र्स इंटर कॉलेज, अयोध्या
बृजमोहन शर्मा, जयनारायण सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, वैभव नगर, बरेली
रामू प्रसाद शर्मा, श्री हनुमान इंटर कॉलेज, हसायन, हाथरस
डॉ. ममता तिवारी, बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज, बेनाझाबर, कानपुर नगर
चंद्रिका शर्मा, महर्षि अरविंद विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, कसया, कुशीनगर
मदन सिंह, महर्षि दयानंद इंटर कॉलेज, पट्टी मोड़ा, कांठ, मुरादाबाद
ओमप्रकाश शुक्ल, सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, फतेहपुर
अर्चना गुप्ता, गुरुकुल इंटर कॉलेज, झांसी
जेपी मिश्र, जेपी इंटर कॉलेज, कर्वी चित्रकूट
सरला चौधरी, किसान गल्र्स इंटर कॉलेज, कंकरखेड़ा, मेरठ
बृजेश कुमार शर्मा, सरदार बल्लभ भाई पटेल इंटर कॉलेज, जंधेड़ा समसपुर, सहारनपुर
सुनीता सिंह, श्री हरिश्चंद्र बालिका इंटर कॉलेज, मैदागीन वाराणसी