जांजगीर जिला के पामगढ़ में पिता के अंतिम संस्कार में रीति रिवाज को लेकर भाइयों में विवाद हो गया. जिसके बाद बहुओं ने ही अर्थी को कंधा देकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया अदा की. मामला पामगढ़ के ग्राम पंचायत तनौद का है.
मिली जानकारी के अनुसार पामगढ़ के ग्राम पंचायत तनौद निवासी बिहारी लाल साहू पिता शिव कुमार साहू उम्र 90 साल का निधन 14 सितंबर की सुबह हो गई, मृतक के 5 बेटे हैं. ओंकार, बेदराम, बुध राम, लक्ष्मी और लहूरमन. जिसमें दूसरे नंबर का बेटा इसाई धर्म पर विश्वास करता हैं, मृतक ने उसे समझाने की भी कोशिश की लेकिन वह नहीं माना. लगभग 9 माह पूर्व पिता ने सभी पुत्रों के समक्ष हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार करने की बात कही थी. बुधवार की सुबह बिहारी लाल की मौत हो गई. जिसके बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए पांचों भाई इकट्ठे हुए, इसी दौरान दूसरा बेटा क्रिस्चियन परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार कराने पर अड़ा हुआ था. सामाजिक और ग्रामीण स्तर पर मामला सुलझाने का प्रयास किया गया, लेकिन विवाद दिनभर चलता रहा और नतीज़ा कुछ नहीं निकला. गुरुवार की सुबह पामगढ़ तहसीलदार और शिवरीनारायण थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे. उन्होंने भी अपने स्तर पर मामला सुलझाने की बहुत कोशिश की. मामला नहीं सुलझता देख चारों भाइयों की बहू, मृतक की नाती बहू आसपास के महिलाओं व समाज की महिलाओं के साथ मिलकर स्वयं ही अर्थी उठा कर अंतिम संस्कार के लिए निकल पड़ी. श्मशान घाट पहुंचने के बाद उन्हें स्वयं चिता मुखाग्नि देते हुए अंतिम संस्कार कर दिया. इसे देख क्षेत्र के लोग आश्चर्यचकित हो गए. पामगढ़ क्षेत्र में इस तरह की य़ह पहली घटना थी. लेकिन इस घटना ने बरसों पुरानी परंपरा में सेंध लगाने का काम किया है.