Tuesday, December 3, 2024
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आसान और बिना किसी खर्चे के होता है कोर्ट मैरिज, जाने इसके क्या है नियम

हमारे देश में शादियों के सीजन में लाखों शादियां एक ही दिन में हो जाती हैं. कई दिन पहले से शादी के फंक्शन शुरू हो जाते हैं और इनमें लाखों रुपये का खर्चा भी आता है. इसीलिए कई लोग कोर्ट जाकर शादी कर लेते हैं, जिसे हम कोर्ट मैरिज के नाम से जानते हैं. कोर्ट मैरिज काफी आसान और बिना किसी खर्चे के हो जाती है. अब अगर आप भी भविष्य में कोर्ट मैरिज करने का प्लान कर रहे हैं तो कुछ बातों का आपको खयाल रखना होगा. हम आपको आज कोर्ट मैरिज के कुछ ऐसे ही नियमों के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में आपको जानकारी होना जरूरी है.

क्या होती है कोर्ट मैरिज?
इस बात को ध्यान में रखें कि आप चाहे किसी भी धर्म या जाति के हों, आपको शादी करने से कोई नहीं रोक सकता है. इसमें शर्त यही है कि लड़की और लड़का दोनों बालिग होने चाहिए और दोनों की मर्जी से ये शादी होनी चाहिए. अब सबसे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर ये कोर्ट मैरिज होती क्या है. स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत कोर्ट मैरिज का प्रावधान है. कोर्ट में मैरिज ऑफिसर होता है, जिसके सामने ये शादी होती है. यहां पर सभी तरह के दस्तावेज जमा कराने होते हैं, जिसके बाद तारीख तय होती है. इस दौरान कोई भी रीति रिवाज नहीं होते, दूल्हा और दुल्हन को सिर्फ साइन करने होते हैं.

कोर्ट मैरिज के लिए सबसे पहले आपको एक फॉर्म भरना होगा और उसके साथ सभी डॉक्यूमेंट्स भी लगाने होंगे. कोर्ट मैरिज के लिए आधार कार्ड, दसवीं की मार्कशीट, पासपोर्ट साइज फोटो, निवास प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, तलाकशुदा के मामले में सर्टिफिकेट और विधवा के मामले में डेथ सर्टिफिकेट की जरूरत होती है.

क्या हैं कोर्ट मैरिज के नियम?
अब कोर्ट मैरिज के नियम आपको बताते हैं. कोर्ट मैरिज करने के लिए लड़का और लड़की दोनों मानसिक रूप से स्वस्थ होने चाहिए, वहीं लड़के की उम्र 18 साल और लड़की की 21 साल होनी जरूरी है. दोनों में से कोई भी शादीशुदा नहीं होने चाहिए. शादीशुदा होने पर कोर्ट मैरिज नहीं होगी, साथ ही कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है. शादी करने वाले लड़के और लड़की की इसके लिए सहमति होनी चाहिए. जबरन शादी कराने या बहला-फुसलाकर कोर्ट में बुलाने पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है.

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