साइक्लोन दाना यानी चक्रवाती तूफान दाना अब अपना रौद्र रूप धारण करने ही वाला है. तूफ़ान दाना वर्तमान में तटीय ओडिशा की ओर बढ़ रहा है, शुक्रवार की सुबह को यह राज्य में भारी बारिश और आंधी लाएगा. चक्रवात दाना पश्चिम बंगाल के दक्षिणी हिस्से और तटीय ओडिशा में भारी बारिश लाएगा, जिससे ओडिशा की आधी आबादी प्रभावित होने का खतरा है.
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य सरकार की तैयारियों की समीक्षा की. समीक्षा के बाद उन्होंने कहा कि बुधवार शाम तक पहचाने गए ‘खतरे वाले क्षेत्र’ में रहने वाले केवल 30 प्रतिशत लोगों या लगभग 3-4 लाख लोगों को ही निकाला जा सका है. गुरुवार की सुबह सभी खतरे वाले क्षेत्रों से लोगों को निकालने की प्रक्रिया जारी रहेगी. इस बीच, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि चक्रवात दाना शुक्रवार की सुबह भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और धामरा बंदरगाह के बीच दस्तक दे सकता है. हालांकि, 24 अक्टूबर की रात से ही चक्रवात दाना के पहुंचने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि लैंडफॉल प्रक्रिया के दौरान अधिकतम गति 120 किमी प्रति घंटा के आसपास रहने की संभावना है. उन्होंने कहा, “इसलिए, भारी बारिश, हवा और तूफानी लहरें लैंडफॉल समय के दौरान चरम पर पहुंच जाएंगी, जो 24 अक्टूबर की रात से 25 अक्टूबर की सुबह के बीच है.”
बता दें कि चक्रवाती तूफान दाना की वजह से आज से 25 अक्टूबर तक हर ओर अलर्ट है. साइक्लोन दाना का असर पश्चिम बंगाल से लेकर ओडिशा, बिहार और झारखंड तक दिख सकता है. मौसम विभाग ने बंगाल-ओडिशा समेत कई राज्यों में 24-25 अक्टूबर को भारी बारिश होने की संभावना जताई है.
चक्रवाती तूफान ‘दाना’ का असर देश के कई राज्यों में दिख रहा है. छत्तीसगढ़ में भी मौसम विभाग ने तूफान दाना की वजह से कई जिलों में तेज बारिश की संभावना जताई है, 24 अक्टूबर को ‘दाना’ तूफान ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकराएगा, ऐसे में ओडिशा से लगे छत्तीसगढ़ के जिलों में इसका पूरा असर रहेगा. बस्तर संभाग के सभी जिलों में मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक तेज बारिश होने की संभावना जताई है. ऐसे में बस्तर संभाग में प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है. वहीं बारिश की वजह से तापमान में भी गिरावट होने की संभावना है, जिससे ठंड भी तेज होगी.
छत्तीसगढ़ में ओडिशा रेलवे रूट की तरफ से जाने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. अगले तीन दिनों तक छत्तीसगढ़ में 70 से भी ज्यादा ट्रेनें निरस्त रहेगी. चक्रवात की वजह से ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश की तरफ चलने वाली ट्रेनों निरस्त किया गया है. हिराखंड एक्सप्रेस और किरंदुल-विशाखापटनम पैसिंजर को भी फिलहाल निरस्त किया गया है. माना जा रहा है कि अगर तूफान का असर ज्यादा दिनों तक रहा तो फिर इन ट्रेनों को आगे भी और निरस्त किया जा सकता है.
छत्तीसगढ़ के भी लगभग सभी जिलों में अब तापमान में लगातार गिरावट होने से ठंड का असर बढ़ने लगा है. मौसम विभाग का कहना है कि नवंबर के पहले सप्ताह से तापमान में और गिरावट होगी ऐसे में ठंड का असर तेज होगा. क्योंकि नवंबर के दूसरे हफ्ते तक मौसम पूरी तरह से ठंडा हो जाएगा.