मध्य प्रदेश की जबलपुर पुलिस का एक बार फिर अमानवीय चेहरा सामने आया है. एक प्राइवेट होटल में हुई जेवरात की चोरी के शक में पुलिस ने बिना एफआईआर दर्ज किए, महिला के कपड़े उतरवाए और बर्बरता से जमकर मारपीट की. दलित महिला के साथ की गई मारपीट के बाद बंशकार समाज ने पुलिस थाने के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है. मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक ने दो पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच करते हुए पूरे मामले की विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं. इसके बाद मामला शांत हुआ. महिला का जबलपुर के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल अस्पताल में इलाज चल रहा है.
दरअसल, यह पूरा मामला ओमती थाना क्षेत्र के एक प्राइवेट होटल में ब्रेसलेट चोरी से जुड़ा हुआ है. होटल के कमरा नंबर 103 में रुके यात्री ने ओमती थाने पहुंच कर पुलिस को सूचना दी कि वह होटल में रुकने के लिए पहुंचा था. उसी दौरान होटल से उसकी ब्रेसलेट चोरी हो गई. यात्री के साथ पुलिस होटल पहुंची और शक के आधार पर होटल में काम करने वाली महिला मंजू वंशकार और एक अन्य युवक को लेकर पुलिस थाने आई.
पुलिस ने पार की सारी मर्यादाएं
जहां पूछताछ के दौरान पुलिस ने सारी मर्यादाएं पार कर दी. महिला पुलिसकर्मी ने बेहरहमी से मारपीट करते हुए महिला के कपड़े उतरवाए. हद तो तब हो गई जब मारपीट के दौरान महिला बेहोश हो गई तो और पुलिसकर्मियों ने इलाज कराने की बजाए महिला को पुलिस थाने के बाहर छोड़ दिया.
महिला के साथ की गई बर्बरता से मारपीट के विरोध में बंशकार समाज के लोग महिला को घायल अवस्था में लेकर पुलिस थाने पहुंचे और महिला को थाने की दहलीज पर ही लिटा दिया. पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की मांग करने लगे. प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप था कि जब महिला को थाने लाया गया था तो बिना एफआईआर दर्ज किए इतनी बेरहमी से मारपीट क्यों कि गई.
दो पुलिसकर्मी हुए लाइन अटैच
हंगामें की जानकारी लगते ही जबलपुर पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह खुद ओमती थाने पंहुचे. दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. इसके बाद यह पूरा मामला शांत हुआ. इस मामले में विभागीय जांच पूरी होने तक पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने दो पुलिसकर्मी को लाइन अटैच कर दिया है. पूरे मामले की जांच नगर पुलिस अधीक्षक पंकज मिश्रा को दी गई है, जो पूरे मामले की जांच कर रहे हैं.