Friday, November 22, 2024
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार, पूरा विपक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ हुआ आक्रामक

दिल्ली के आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से न केवल आम आदमी पार्टी, बल्कि पूरा विपक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक नजर आ रहा है. ईडी ने गुरुवार (21 मार्च) रात अरविंद केजरीवाल को उनके आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया. सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है, जब लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित हो चुका है और पार्टी पहले से ही अपने कुछ वरिष्ठ नेताओं की गिरफ्तारी का सामना कर रही है. इसे आम आदमी पार्टी के लिए बेहद नाजुक घड़ी माना जा रहा है, क्योंकि अरविंद केजरीवाल को आम आदमी पार्टी का मुख्य कर्ताधर्ता और यहां तक की चाणक्य भी कहा जाता है.

केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कई विपक्षी नेताओं ने प्रतिक्रियाएं दी हैं और इसे लोकसभा चुनाव से जोड़ते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है. आखिर लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का क्या असर होगा? आइये समझते हैं.

लोकसभा चुनाव में केजरीवाल की गिरफ्तारी का क्या असर होगा?

आम आदमी पार्टी की रणनीति देशभर में अपना विस्तार करने की है और उसने लोकसभा चुनाव 2024 में दिल्ली, हरियाणा और गुजरात में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है. वहीं, पंजाब में उसने सभी लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.

देखा जाए तो 543 लोकसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी, दिल्ली की 4, हरियाणा की 1, गुजरात की 2 और पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कुल 20 सीटों पर आम आदमी पार्टी की जीत-हार से लोकसभा चुनाव में कुछ असर पड़ेगा, ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है, लेकिन कम सीटों से भी अपने पक्ष में माहौल (मूड) बनाया जा सकता है.

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी व्यक्तिगत तौर पर आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़े झटके के रूप में मानी जा रही है, लेकिन लोकसभा चुनाव में इसका असर इस रूप में हो सकता है कि यह विपक्ष को एक बार फिर और ज्यादा मजबूती के साथ एकजुट होने की वजह दे सकती है. केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जिस तरह से कांग्रेस समेत कई विपक्षी नेताओं ने बीजेपी और केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक प्रतिक्रियाएं दीं, उससे इसकी एक तस्वीर नजर भी आई.

I.N.D.I.A. मुंहतोड़ जवाब देगा- राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इंडिया गठबंधन मुंहतोड़ जवाब देगा. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”डरा हुआ तानाशाह, एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है.”

उन्होंने दावा किया, ”मीडिया समेत सभी संस्थाओं पर कब्जा, पार्टियों को तोड़ना, कंपनियों से हफ्ता वसूली, मुख्य विपक्षी दल का अकाउंट ‘फ्रीज’ करना भी ‘आसुरी शक्ति’ के लिए कम था तो अब चुने हुए मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है.” उन्होंने कहा कि ‘ इंडिया’ गठबंधन इसका मुंहतोड़ जवाब देगा.

शरद पवार बोले- ‘इंडिया’ गठबंधन एकजुट

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने भी कहा कि केजरीवाल पर इस कार्रवाई के खिलाफ विपक्षी गठबंधन एकजुट है. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से पता चलता है कि बीजेपी सत्ता के लिए किस हद तक गिर सकती है. अरविंद केजरीवाल के खिलाफ इस असंवैधानिक कार्रवाई के खिलाफ ‘इंडिया’ गठबंधन एकजुट है.’’

वही, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी की निंदा की और इसे विपक्ष के ‘निरंतर उत्पीड़न’ का हिस्सा बताया.

चुनाव का प्रचार करने से रोकने के लिए है ये कार्रवाई- अमित पालेकर

आम आदमी पार्टी की गोवा इकाई के अध्यक्ष अमित पालेकर ने कहा कि यह कार्रवाई केजरीवाल को आगामी लोकसभा चुनाव का प्रचार करने से रोकने के लिए है. उन्होंने कहा कि हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर TMC ने जताया आश्चर्य

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी की निंदा की और आश्चर्य जताया कि अगर चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं और निर्वाचित मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार किया गया तो लोकतंत्र का क्या होगा. राज्यसभा में पार्टी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने एक्स पर पोस्ट के जरिए आश्चर्य जताया कि अगर सुप्रीम कोर्ट और भारत का निर्वाचन आयोग अब कार्रवाई करने में विफल रहता है तो भविष्य में भाजपा की दमनकारी राजनीति के खिलाफ लोगों के साथ कौन खड़ा होगा.

आप बोली जेल से ही सरकार चलाएंगे केजरीवाल

आम आदमी पार्टी ने कहा है कि अगर अरविंद केजरीवाल को जेल भी जाना पड़ा तो वो वहीं से दिल्ली की सरकार चलाएंगे. कानून में भी ऐसा कोई प्रावधान नजर नहीं आता है जो किसी सीएम को जेल से सरकार चलाने से रोकता हो. ऐसी स्थिति में ‘आप’ को जनता की सहानुभूति मिलने की संभावना हो सकती है लेकिन पार्टी या इंडिया गठबंधन के लिए ज्यादा संभावना तब बनेगी जब केजरीवाल चुनावी मैदान में नजर आएंगे.

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