न्याय की मांग तेज: उस्मान हादी के भाई की यूनुस को खुली चेतावनी, बोले– इंसाफ नहीं मिला तो करेंगे घर का घेराव

ढाका 
बांग्लादेश में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। छात्र नेता उस्मान हादी की हत्याके बाद उनके भाई शरीफ ओमर बिन हादी मैदान में हैं। ओमर ने कहा कि सरकार जिस तरीके से जांच और काम कर रही है, इससे साफ है कि उन्हें न्याय दिलाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। सीधे यूनुस को निशाना पर लेते हुए ओमर ने कहा कि अगर सरकार नहीं मानी और जरूरत पड़ी तो वह कैंटोनमेंट और जमुना (यूनुस का आवास) का घेराव करेंगे।
 
उस्मान हादी की हत्या के खिलाफ जारी प्रदर्शन को संबोधित करते हुए ओमर ने कहा, "उस्मान हादी के लिए न्याय की मांग अब बांग्लादेश के 18 करोड़ लोगों की मांग बन चुकी है। सरकार की हालत देखकर साफ है कि वह न्याय दिलाने में दिलचस्पी नहीं रखती। हम सड़कों पर उतर चुके हैं और जब तक न्याय नहीं होता, हम वापस घर नहीं जाएंगे। हमें और भी कड़े कार्यक्रमों की घोषणा करनी पड़ सकती है। देश की स्थिति और भी ज्यादा बिगड़े इससे पहले ही हम साफ कर देना चाहते हैं कि हमें जमुना का घेराव करने के लिए मजबूर न करें।"

See also  इजरायल को जॉर्डन ने अपना एयरस्पेस इस्तेमाल करने की दी इजाजत !

इससे पहले भी ओमर ने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि सरकार ने आगामी बांग्लादेश चुनाव को रद्द करवाने के लिए हादी की हत्या करवाई है। ओमर ने राजनीतिक नेताओं और यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को सीधे चुनौती देते हुए कहा कि परिवार को न्याय न मिलना एक बड़ी विफलता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सत्ता में बैठे लोग न्याय नहीं दे सकते तो उन्हें सत्ता छोड़कर भाग जाना चाहिए।

ओमर ने अपनी भाई की हत्या के लिए सत्ता में बैठे लोगों को ही जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा,"आपने उस्मान हादी को मारा और अब उसे दिखाकर चुनाव रद्द कराना चाहते हैं। अगर हादी को न्याय नहीं मिला, तो आपको भी इस देश से भागना होगा।

आपको बता दें, 32 वर्षीय छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी ने शेख हसीना को सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर करने वाले आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस्मान अपने भारत विरोधी रवैये के लिए भी जाना जाता था। आगामी चुनाव में वह मैदान में था। प्रचार अभियान के दौरान ही उसे 12 दिसंबर को गोली मारी गई थी। इलाज के दौरान उसने 18 दिसंबर को सिंगापुर में ही दम तोड़ दिया। इसके बाद बांग्लादेश में एक बार फिर से हिंसा का एक नया दौर शुरू हो गया।

See also  पाकिस्तान में असली ताकत किसके हाथ? आसिम मुनीर को मिली सुपरपावर, संसद भी बेअसर!