साउथ फिल्मों की मशहूर एक्ट्रेस निशा नूर अपनी खूबसूरती और एक्टिंग के लिए फैंस के बीच काफी पसंद की जाती थीं. लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में कब किसी सितारे को ग्रहण लग जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. अपना बचपन गरीबी में बिताने वाली निशा नूर ने कई साउथ फिल्मों में काम किया और अपनी बोल्ड अदाओं से फैंस के दिल में अलग जगह बनाई. घर से भागकर जब निशा नूर फिल्मों में आई थीं, तो उन्होंने कभी नहीं सोचा होगा कि आखिरी समय में उन्हें अपनी जिंदगी के सबसे बुरे और दर्दनाक दौर से गुजरना होगा. उनकी कहानी सुन आप भी कहेंगे की ऊपर वाला ऐसे दिन किसी को न दिखाए
बोल्ड हीरोइन निशा नूर
भारतीय सिनेमा के इतिहास के पन्नों को जब भी पलटा जाता है, तो 80 के दशक की सबसे चर्चित और बोल्ड हीरोइन निशा नूर की कहानी जरूर सामने आती है. सफल करियर और खूबसूरत चेहरा होने के बावजूद उन्हें इंडस्ट्री में टिके रहने के लिए कास्टिंग काउच का शिकार होना पड़ा. इतना ही नहीं, एक समय बिल्कुल काम नहीं होने की वजह से निशा नूर के पास दो वक्त की रोटी खाने के लिए भी पैसे नहीं बचे. मजबूरी में उन्होंने देह व्यापार का रास्ता चुना और यही उनका सबसे गलत फैसला था.
रजनीकांत और कमल हसन के साथ किया काम
निशा नूर का जन्म 18 सितंबर, 1962 में तमिलनाडु के छोटे से गांव नागपट्टीनम में हुआ था, 80 के दशक के आखिर में वो खूब पॉपुलर हुई थीं. उन्होंने तमिल और मलयालम फिल्मों में काफी काम किया, इसके अलावा कुछ तेलुगु और कन्नड़ फिल्मों में भी दिखाई दीं. निशा नूर ने सुपरस्टार रजनीकांत और कमल हसन जैसे एक्टर्स के साथ भी काम किया था. काफी छोटा करियर होने की वजह से उन्हें जल्दी भुला दिया गया. कथित तौर पर काम न मिलने के बाद उन्हें एक फिल्म निर्माता द्वारा वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया था, जिसके बाद उसने फिल्म उद्योग छोड़ दिया.
शरीर पर रेंग रहे थे कीड़े
घर छोड़कर आईं निशा के बुरे दिनों में उनका साथ देने वाला न कोई दोस्त था, न ही परिवार वाले. काफी समय गायब रहने के बाद उन्हें एक दरगाह के बाहर फिर से देखा गया. जहां वो सड़क पर सो रही थी और किसी कंकाल की तरह दिखाई दे रही थीं. उनके शरीर पर कीड़े और चींटियां रेंग रही थीं. कहा जाता है कि उनके किसी कजिन की नजर उन पर पड़ी और उसने अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वो भी छोड़कर भाग गया. बाद में ये पता चला कि अभिनेत्री एड्स से बीमार थीं, उन्हें भी इसके बारे में पता नहीं था. साल 2007 में हॉस्पिटल में ही उनका निधन हो गया.