असमर्थ लोगों को भी मिलता है न्याय, विधिक प्राधिकरण सेवा कराती है निःशुल्क वकील का प्रबंध, पामगढ़ की महिलाओं को मिली न्याय की जानकारी

जांजगीर जिला के जनपद पंचायत पामगढ़ के सभागृह में आज महिलाओं के लिए विधिक प्राधिकरण सेवा द्वारा महिलाओं के लिए एक कार्यक्रम आयोजित की गई| जिसमें जजों द्वारा उनकी सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून की जानकारी दी गई| साथ ही उनको दिए गए अधिकारों को विस्तार से समझाया गया| कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जांजगीर श्री जितेन्द्र सिंह ठाकुर, विशिष्ट अतिथि सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जांजगीर श्री गीतेश कौशिक व न्यायिक मजिस्ट्रेट जांजगीर श्री शिव प्रकाश त्रिपाठी थे| कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायिक मजिस्ट्रेट पामगढ़ श्री अंशुल मिंज ने की| साथ ही कार्यक्रम को नायब तहसीलदार मनीषा झा, जांजगीर अधिवक्ता उषा शांडिल्य, पामगढ़ अधिवक्ता किरण कान्त, जनपद अध्यक्ष राजकुमार पटेल ने भी संबोधित किया|  इसके अलावा कार्यक्रम में सरपंच तेरस यादव, पैरालीगल वालिटीयर गजानंद कश्यप मौजूद थे| कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता साखिराम कश्यप ने की| कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पामगढ़ में महिलाएं उपस्थित थी |

जनपद पंचायत में महिलाओं से खचाखच भरे सभागार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जांजगीर के सचिव श्री गीतेश कौशिक ने बताया की जिसका कोई नहीं उसका विधिक प्राधिकरण सेवा है| जब कोई शख्स न्याय पाने से वंचित रहता है तो उसकी प्राधिकरण मदद करती है| अगर यह अपने न्याय के लिए वकील नहीं रख पाता तो उसके लिए वकील की उपलब्ध कराती है| जो उसके न्याय मिलने तक रहती है| उन्होंने बताया की न्याय के लिए साल भर 11 बजे से 5 बजे तक उपलब्ध रहता है |

न्यायिक मजिस्ट्रेट जांजगीर श्री शिव प्रकाश त्रिपाठी ने बाल अपराध के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया की छोटे-मोटे अपराधों पर तत्काल FIR दर्ज नहीं की जाती है| बच्चों को कभी रात में थाना और न ही कभी लॉकअप में रखा जाता है| बच्चों को जेल भी नहीं होती है| उनके अपराध करने पर बाल सम्प्रेषण गृह होता है, जहाँ उनके व्यवहार को बदलने की कोशिश की जाती है| किन्तु 16 से 18 साल के बच्चे जो जानबूझकर कोई अपराध करता है तो उनके लिए बाल न्यायालय की ब्यवस्था की गई है|

पामगढ़ अधिवक्ता किरण कान्त ने पति-पत्नी के बीच के मनमुटाव की जानकारी देते हुए बताया की यदि कोई पति-पत्नी एक साल से अधिक समय तक एक-दुसरे से अलग रह रहे हैं तो दोनों को मर्जी से तलाक आसानी से ले सकते हैं|

जांजगीर अधिवक्ता उषा शांडिल्य ने महिलाओं के अधिकारों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए कहा की संविधान में महिलाओं को समान अधिकार दिए हुए है| खासकर शिक्षा का, लेकिन महिलाएं हमेशा घर से बहार निकलती है तो उन्हें शोषण का शिकार होना पड़ता है| जिसके लिए संविधान में संशोधन किया गया है| जिससे उन्हें आसानी से न्याय मिल सकता है|
पामगढ़ की नायब तहसीलदार मनीषा झा ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा की छतीसगढ़ में महिलाए परिवार के लिए बहुत मेहनत करती है| महिलाएं अपने पुरे परिवार को लेकर चलती है | जिसमें कई प्रकार के साँस, ननद सहित बहुत सारे रिश्तेदार होते हैं | पुरुष से कदम से कदम मिलकर चलती है| खासकर दीगर जगह जाती है तो भी वहां वो बोझ बनकर नहीं रहती है | बराबर पति का साथ देती है|

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