Wednesday, November 6, 2024
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माँ के अंतिम संस्कार को लेकर 2 भाईयों में विवाद, मुस्लिम और हिंदू धर्म के रीति रिवाज को लेकर पहुंचे पुलिस थाना

1998 में आई फिल्म ‘ज़ख्म’ हम में से कईयों को याद होगी। खासकर इसके गीत आज भी उतने ही लोकप्रिय हैं। महेश भट्ट के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अजय देवगन और पूजा भट्ट की भूमिका यादगार थी। इसमें एक ऐसी महिला की कहानी थी जो मुस्लिम है लेकिन ये बात उसके एक बेटे को पता नहीं है। उसके दोनों बेटे हिंदू धर्म को मानते हैं और मां की मौत के बाद दूसरे बेटे पर ये राज़ खुलता है। इसी फिल्म से मिलता जुलता वाकया बिहार के लखीसराय में सामने आया है।

चानन थाना क्षेत्र के जानकीडीह गांव में ये अजीबोगरीब केस सामने आया। यहां एक महिला के दो बेटे हैं..एक मुस्लिम और दूसरा हिंदू। उसकी मौत के बाद दोनों उसका अंतिम संस्कार अपने अपने धर्म के अनुसार करने की बात पर आपस में भिड़ गए। आखिरकार बीच में पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। दरअसल ये महिला मुस्लिम थी और उसका नाम रायका खातून था। इसने दो शादी की थी। उसकी पहली शादी एक मुस्लिम व्यक्ति से हुई थी और उससे मोहम्मद मोफिल नाम का बेटा है। इसके बाद करीब 45 साल पहले रायका ने राजेंद्र झा नाम के हिंदू व्यक्ति से विवाह किया और फिर धर्म बदलकर अपना नाम रेखा देवी बन गई। इस शादी से उसकी दो संतान हुई जिसमें से बेटे का नाम बबलू झा है।

हाल ही में इस महिला की मौत हो गई और इसके बाद दोनों बेटे उसका अंतिम संस्कार अपने धर्म से करने को लेकर आपस में उलझ गए। बड़ा बेटा मुस्लिम रीति रिवाज से मां को विदा करना चाहता था और छोटा बेटा उन्हें मुखाग्नि देना चाहता था। लेकिन आपस में ये विवाद बढ़ता ही गया और गांववालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। इसके बाद एएसपी इमरान मसूद और चानन थाना अध्यक्ष अपनी टीम के साथ पहुंच और दोनों बेटों से बात की। उन्होने गांववालों से भी पूछताछ की जिसमें पता चला कि पिछले 40 सालों से महिला हिंदू धर्म का पालन कर रही थी और गांववाले भी उन्हें पंडिताइन के नाम से ही पुकारते थे। इसपर पुलिस ने दोनों बेटों को समझाया और फिर उनकी रजामंदी से मां का शव छोटे बेटे को सौंप दिया। इस प्रकार पुलिस की सूझबूझ से एक संवेदनशील मसले को शांति से हल किया गया, जिसे लेकर गांववाले भी पुलिस की तारीफ कर रहे हैं।

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