जिन्दा बच्चे को मृत बताकर सरकारी डॉक्टर ने भगा दिया प्रसूता को, निजी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन लगते ही हरकत करने लगा बच्चा

जिन्दा बच्चे को मृत बताकर सरकारी डॉक्टर ने भगा दिया प्रसूता को

जिन्दा बच्चे को मृत बताकर सरकारी डॉक्टर ने भगा दिया प्रसूता को : बिहार के पश्चिम चंपारण में सरकारी अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। जिले के लौरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम व आयुष डॉक्टर ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने यह कहकर विरोध किया कि बच्चे के नाभी से लाल खून गिर रहा है उसकी ठीक से जांच करें। ऐसा कहने पर डॉक्टर ने परिजनों को डांटकर भगा दिया गया। परिजन नवजात को निजी नर्सिंग होम में ले गये। यहां ऑक्सीजन लगते ही वह हरकत करने लगा। प्रसूता चौतरवा थाने के बसवरिया के शिव बैठा की पत्नी ज्योति कुमारी है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार ने मामले की जांच करवाकर दोषियों पर कार्रवाई कार्रवाई की बात कही है। इस घटना से स्वास्थ विभाग की आलोचना हो रही है।

 

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जिन्दा बच्चे को मृत बताकर सरकारी डॉक्टर ने भगा दिया प्रसूता को : जानकारी के अनुसार प्रसूता ज्योति कुमारी को लौरिया स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार दोपहर तीन बजे प्रसव पीड़ा होने पर भर्ती कराया गया। यहां उसने एक घंटे बाद चार बजे बच्चे को जन्म दिया। ड्यूटी पर तैनात एएनएम राधिका कुमारी ने नवजात में कोई हरकत नहीं देखकर उसे मृत बताया। उसने ड्यूटी पर तैनात आयुष चिकित्सक को भी नवजात को दिखाया। आयुष चिकित्सक ने भी नवजात को मृत घोषित कर दिया। इस पर परिजनों ने विरोध किया बच्चे के नाभी से काला नहीं लाल खून निकल रहा है। फिर बच्चा मरा हुआ कैसे है? उनलोगों ने आला लगाकर बच्चे की फिर जांच करने की गुहार लगाई।

 

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जिन्दा बच्चे को मृत बताकर सरकारी डॉक्टर ने भगा दिया प्रसूता को : लेकिन आयुष चिकित्सक ने उन्हें डांटकर भगा दिया। इसके बाद एएनएम ने रजिस्टर में नवजात को स्टील चाइल्ड बताया और चिकित्सक ने भी यही लिखकर उसे डिस्चार्ज कर दिया। इधर, परिजनों को संतोष नहीं हुआ वे बगल में स्थित एक निजी नर्सिंग होम में नवजात को ले गये। यहां चिकित्सक ने नवजात को ऑक्सीजन लगाया। इसके बाद नवजात हरकत करने लगा। चिकित्सक ने उसे पूरी तरह से स्वस्थ बताया। इससे परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इधर, आयुष चिकित्सक ने बताया कि मैंने ऐसा नहीं कहा था कि नवजात मृत है। एएनएम ने मुझे पुर्जा दिया और कहा कि नवजात मृत है हस्ताक्षर कर दीजिए|

 

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जिन्दा बच्चे को मृत बताकर सरकारी डॉक्टर ने भगा दिया प्रसूता को :  सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने बताया किपत्रकारों के माध्यम से मामले की जानकारी मिली है। इसकी जांच कराई जाएगी। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई फैसला लेने से पहले क्रॉस चेक कर लेना चाहिए। उन्होंने बच्चे को उचित और मुफ्त इलाज का भी आश्वासन दिया। पहले भी जिले में डॉक्टर की लापरवाही की घटनाएं हो चुकी हैं। कुछ दिन पूर्व ही लौरिया स्वास्थ्य केंद्र में बीमार होने पर चंपा देवी को भर्ती कराया गया था। आयुष चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया था। परिजन उसे लेकर दूसरे जगह के निजी डॉक्टरों को दिखया। डॉक्टर ने उसका इलाज किया और वह ठीक हो गई। आज वह महिला भली-चंगी है और अपना जीवन बसर कर रही है।

 

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