Thursday, November 7, 2024
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मोहम्मद यूनुस के भरोसे के बाद भी बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा अब भी थमी नहीं, रात में फूंका घर

ढाका
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा अब भी थमी नहीं है। अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया था और वहां हिंदू समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने हिंदुओं को सुरक्षा का भरोसा दिया था और कहा था कि आप हमें कुछ समय दें। उसके बाद ही कोई राय बनाएं। हालांकि उनका यह भरोसा काम नहीं आया और मंगलवार की रात को ही रंगपुर संभाग के ठाकुरगांव जिले में हिंदू समुदाय के एक घर को उपद्रवियों ने निशाना बनाया। कट्टरपंथियों ने ठाकुरगांव जिले के फरबरी मंदिरपाड़ा गांव में कालेश्वर बर्मन के घर में आग लगा दी।

घर में लगी आग को देखते हुए मौके पर लोग जमा हो गए और किसी तरह आग को काबू पाया गया। घर में मौजूद सभी लोग किसी तरह बच निकलने में कामयाब रहे, लेकिन घर को बड़ा नुकसान पहुंचा है। यह गांव अकचा यूनियन परिषद के तहत आता है, जिसके चेयरमैन सुब्रत कुमार बर्मन ने कहा कि अज्ञात लोगों ने यह आग लगाई। वहीं ठाकुरगांव पुलिस थाने के इंचार्ज फिरोज वाहिद ने कहा, 'पुलिस ने घटनास्थल का दौरा किया है। मामले की जांच की जा रही है और यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि किन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है।'

अब तक मिली जानकारी के अनुसार कालेश्वर बर्मन का कोई राजनीतिक कनेक्शन भी नहीं है। दरअसल कट्टरपंथियों का कहना था कि वे हिंदुओं को निशाना नहीं बना रहे हैं बल्कि अवामी लीग से जुड़े नेताओं को ही टारगेट कर रहे हैं। ऐसे में बिना किसी राजनीतिक कनेक्शन वाले कालेश्वर बर्मन के घर में भी आगजनी करना सवाल खड़े करता है। इसके अलावा मुस्लिम बहुसंख्यक देश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े होते हैं। बता दें कि भारत, अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों में हिंदुओं ने बांग्लादेश में होने वाली हिंसा का विरोध किया है।

कुछ दिन पहले भी ठाकुरगांव जिले के ही निंबारी कामरपाड़ा जिले में भी हिंदू परिवार के एक घर को फूंक दिया गया था। उस घटना में परिवार किसी तरह बच निकला था, लेकिन सारा सामान जलकर राख हो गया था। अनंत बर्मन के घर में आग लगा दी गई थी और इससे पूरे गांव में दहशत है। फरबरी गांव के रहने वाले रेबिन रॉय ने कहा कि शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद जो हिंसा फैली है, उससे हिंदू समुदाय में खौफ है। वे डर के साये में रह रहे हैं और किसी भी समय हमले का खौफ सता रहा है।

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