टैक्स-फ्री कमाई : हर साल लाखों लोग Income Tax बचाने के लिए नई योजनाओं और निवेश विकल्पों की तलाश करते हैं। सही योजना बनाना नौकरीपेशा और व्यवसायिक दोनों वर्गों के लिए जरूरी है। इनकम टैक्स विभाग ने कुछ इनकम को Exemption Category में रखा है, जिन पर कोई टैक्स नहीं लगता। ऐसे स्रोतों की जानकारी से आप अपनी टैक्स देनदारी कम कर सकते हैं और दीर्घकालिक वित्तीय योजना बना सकते हैं।
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खेती से आय पूरी तरह टैक्स-फ्री
भारत में कृषि आय पर कोई टैक्स नहीं लगता। खेती के उत्पादों की बिक्री या कृषि से संबंधित अन्य स्रोतों से होने वाली कमाई को सरकार ने पूरी तरह से टैक्स-फ्री रखा है। यह छूट किसानों के लिए वित्तीय राहत का एक प्रमुख स्रोत है।
वॉलंटरी रिटायरमेंट सर्विस (VRS)
सरकारी कर्मचारियों के लिए वॉलंटरी रिटायरमेंट योजना के तहत मिलने वाली ₹5 लाख तक की राशि पूरी तरह टैक्स-फ्री है। यह छूट केवल सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए मान्य है। निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को इस श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है।
अविभाजित हिंदू परिवार (HUF) से आय
आयकर अधिनियम की धारा 10(2) के अनुसार, HUF के तहत मिलने वाली कोई भी विरासत या राशि पूरी तरह टैक्स-फ्री होती है। यह व्यवस्था परिवारिक संपत्ति को बचाने और साझा करने के उद्देश्य से लागू की गई है।
माता-पिता से मिली प्रॉपर्टी या गिफ्ट
माता-पिता से मिली संपत्ति, गहने, या नकद राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता। इसी प्रकार, वसीयत में प्राप्त संपत्ति भी टैक्स-फ्री होती है। हालांकि, यदि इस संपत्ति से आय उत्पन्न की जाती है, तो उस आय पर टैक्स देना अनिवार्य है।
शादी में मिले गिफ्ट पर टैक्स छूट
शादी के मौके पर दोस्तों, रिश्तेदारों या पति/पत्नी से मिले ₹50,000 तक के गिफ्ट टैक्स-फ्री होते हैं। विशेष गिफ्ट जैसे वसीयत या माता-पिता से उपहार की सीमा ₹50,000 से अधिक होने पर भी टैक्स-फ्री मानी जाती है।
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NRE सेविंग और FD अकाउंट का ब्याज
NRI व्यक्तियों के नॉन-रेजिडेंट एक्सटर्नल (NRE) सेविंग और फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज भारत में टैक्स-फ्री है। यह सुविधा उन व्यक्तियों के लिए है जो विदेश में कमाई करते हैं और भारत में निवेश करना चाहते हैं।
ग्रेच्युटी पर टैक्स छूट
ग्रेच्युटी पर मिलने वाली टैक्स छूट सरकारी और निजी कर्मचारियों के लिए अलग-अलग निर्धारित है, सरकारी कर्मचारियों के लिए ₹20 लाख तक की ग्रेच्युटी टैक्स-फ्री है। निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए यह सीमा ₹10 लाख तक है। यह सुविधा रिटायरमेंट के बाद वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में मदद करती है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
PPF में सालाना ₹1.5 लाख तक निवेश किया जा सकता है। इस निवेश पर तीन स्तरों निवेश की गई राशि, अर्जित ब्याज एवं मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पर टैक्स छूट मिलती है। यह सभी पूरी तरह टैक्स-फ्री हैं, जो इसे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का बेहतरीन विकल्प बनाते हैं।
एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF)
यदि कोई व्यक्ति लगातार 5 साल तक EPF में योगदान करता है, तो मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पूरी तरह टैक्स-फ्री होती है। यह छूट उन कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है जो नियमित बचत करते हैं।
ऊपर बताए गए विकल्पों को सही तरीके से अपनाकर आप अपनी टैक्स देनदारी को न केवल कम कर सकते हैं, बल्कि एक सुरक्षित और लाभदायक निवेश पोर्टफोलियो भी तैयार कर सकते हैं।
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FAQs
Q1: खेती से आय टैक्स-फ्री क्यों है?
खेती से आय को टैक्स-फ्री रखने का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन देना है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है।
Q2: क्या HUF से मिली आय पर किसी प्रकार का टैक्स लगता है?
नहीं, HUF से प्राप्त आय या विरासत पूरी तरह से टैक्स-फ्री होती है।
Q3: शादी में ₹50,000 से अधिक के गिफ्ट पर क्या टैक्स देना होगा?
नहीं, शादी में माता-पिता, वसीयत या विशेष स्रोत से मिलने वाले गिफ्ट पर ₹50,000 से अधिक की राशि भी टैक्स-फ्री मानी जाती है।
Q4: PPF में निवेश करने का क्या लाभ है?
PPF में निवेश करने से आपको टैक्स-फ्री ब्याज और मैच्योरिटी राशि के साथ वित्तीय सुरक्षा का लाभ मिलता है।
Q5: NRE अकाउंट पर टैक्स क्यों नहीं लगता?
NRE अकाउंट पर टैक्स छूट देने का उद्देश्य विदेश में कमाई करने वाले व्यक्तियों को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहित करना है।