केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने इस बार से प्रायोगिक परीक्षाओं में सख्ती की है। अब ऐसे विद्यार्थियों पर बोर्ड नजर रखेगा जो या तो फ्लाइंग स्टूडेंट हैं या फिर दूसरे शहरों में रहकर अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। बोर्ड प्रैक्टिकल एग्जाम की वीडियोग्राफी कराने की भी तैयारी कर रहा है। देश भर में सीबीएसई से संबद्ध ऐसे बहुत से स्कूल हैं, जिनमें प्रयोगशाला नहीं हैं। ऐसे में उन स्कूलों के विद्यार्थियों को परेशानी होगी। अब बिना प्रायोगिक परीक्षा दिए सांठगांठ से गुरुजी नंबर नहीं दिला सकेंगे। अब तो स्कूल को बताना ही होगा कि विद्यार्थी ने कहां प्रायोगिक परीक्षा दी।
कई ऐसे स्कूल ऐसे भी जहां छात्रों को प्रैक्टिकल कराने के लिए लैब तक नहीं
अब तक तो कई स्कूल बिना प्रायोगिक परीक्षा के ही मौखिक आधार पर नंबर दे देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पिछले वर्ष की बोर्ड परीक्षा के बाद बोर्ड को ऐसी कई शिकायतें मिली थीं, जिनमें बताया गया था कि विद्यार्थियों ने बिना प्रैक्टिकल एग्जाम के ही नंबर ले लिए। बोर्ड परीक्षा में प्रायोगिक परीक्षा को लेकर इस गड़बड़ी की शिकायत कई रीजन से बोर्ड कार्यालय पहुंची थी। प्रदेश सहित देश के अन्य हिस्सों के शिक्षकों ने बोर्ड को लिखित में शिकायत भेजकर बताया कि किस तरह से फर्जी विद्यार्थियों से यह प्रायोगिक परीक्षा कराई जाती है। इसके बाद बोर्ड ने इस मामले को गंभीरता से लिया और यह निर्णय लिया। अब बिना प्रायोगिक परीक्षा के विद्यार्थी को अंक मिले तो गुरुजी पर भी कार्रवाई होगी।
ऐसे भी कई मामले पकड़े गए
सीबीएसई ने ऐसे भी कई मामले पकड़े हैं, जिनमें विद्यार्थी के प्रैक्टिकल में तो शत प्रतिशत या 90 प्रतिशत अंक आए हैं और थ्योरी में 10 प्रतिशत भी नहीं आए। अब बोर्ड ऐसे विद्यार्थियों पर भी नजर रखेगा। ऐसे में स्कूल संचालक अब फर्जीवाड़ा कर नंबर नहीं दे सकेंगे। प्रायोगिक परीक्षा नहीं देने पर विद्यार्थी को परिणाम में अनुपस्थिति दर्शाया जाएगा। परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड लेकर ही जाना होगा, ऐसे में फर्जीवाड़ा रुकेगा। लैब में क्लास अटेंड नहीं करने वाले विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल नॉलेज नहीं होने से वे प्रैक्टिकल में परेशान होंगे।
फ्लाइंग छात्रों की बढ़ी मुश्किलें
बोर्ड के इस नए नियम से जो छात्र मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे हैं उनको तो कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि उनके पास उस स्कूल की यूनिफॉर्म पहले से है, लेकिन फ्लाइंग छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। फ्लाइंग छात्र वे होते हैं जो गैर मान्यता प्राप्त स्कूल में पढ़ते हैं, लेकिन परीक्षा मान्यता प्राप्त स्कूल से देते हैं। जिस स्कूल में वह पढ़ रहे होते हैं वह स्कूल ऐसे छात्रों का फार्म किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से साठगांठ कर भरवाता है। फ्लाइंग छात्रों को जब एडमिट कार्ड मिलता है तभी उन्हें स्कूल की जानकारी हो पाती है कि किस स्कूल से उनका फार्म भरा गया है।