Kisan Mandhan Yojana: किसानों को लेकर देश की केंद्र सरकार लगातार बड़े फैसले लेती रहती है. खास तौर पर कुछ योजनाओं के जरिए किसानों को सहयता प्रदान की जा रही है. इसी कड़ी में किसानों की सबसे चहेती स्कीम किसान मानधन योजना को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. पीएम किसान योजना के बाद इस स्कीम को भी कृषि भाई काफी पसंद करते हैं. इन योजनाओं के जरिए उन्हें कृषि के प्रति प्रेरित करने और होने वाले नुकसान से बचाने की कोशिश की जाती है. अब किसानों की बल्ले-बल्ले होने वाली है. आइए जानते हैं कैसे?
कृषि प्रधान देश कहे जाने वाले भारत में किसानों को लेकर सरकार की ओर से खास योजनाओं चलाई जा रही हैं. केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक अलग-अलग योजनाएं शामिल हैं. इनमें किसान सम्मान निधि योजना के जरिए किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने की कोशिश की जाती है.
इसके साथ ही किसानों को पेंशन योजना के जरिए भी आर्थिक लाभ दिया जाता है. किसानों को इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होता है. यानी पात्र बनने के लिए कुछ नियम फॉलो किए जाते हैं.
ऐसे मिलेंगे हर महीने 3 हजार रुपए
केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही किसान मानधन योजना के तहत अब किसानों को हर महीने 3 हजार रुपए पेंशन के तौर पर दिए जाएंगे. ऐसा उन किसानों के लिए काफी फायदेमंद होगा जिनकी मासिक आय काफी कम है.
जिन किसानों के पास जमीन बहुत कम है या फिर खेती-बाड़ी के लायक जमीन की कमी है ऐसे किसानों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है. ऐसे किसानों के लिए सरकार ने पेंशन का बंदोबस्त किया है. भारत सरकार की किसान मानधन योजना के तहत किसान प्रति माह 3000 रुपए अपने खाते में पा सकते हैं.
क्या है इस योजना की पात्रता
– किसान मानधन योजना की पात्रता के लिए उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच होना चाहिए
– आवेदन की उम्र के मुताबिक प्रीमियम राशि तय होती है.
– किसान देरी से योजना में प्रीमियम भरना शुरू करता है तो उसे ज्यादा किस्त चुकाना होगी
– कोई किसान 18 वर्ष से पहले प्रीमियम देना शुरू करता है तो उसे किस्त कम चुकाना होगी
-किसानों के पास दो हेक्टेयर या उससे कम कृषि जमीन होना चाहिए
– दो हेक्टेयर से ज्यादा कृषि जमीन वाले किसानों के इसका लाभ नहीं मिलेगा
– योजना के तहत 60 साल की उम्र के बाद किसान 3 हजार प्रति माह ले सकते हैं.
क्या है सरकार का लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य 5 करोड़ किसानों के लाभ देना है. इस लक्ष्य में भी साल दर साल इजाफा किया जा रहा है. इसके साथ ही किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और बुढ़ापे में सक्षम करना है.