पीटीआई के मुताबिक, अदालत ने अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून की तीन धाराओं के तहत 40-40 साल की सजा सुनाई। इसके साथ ही उसे किशोर न्याय अधिनियम के तहत अपराध के लिए तीन साल यानी कुल मिलाकर 123 साल की सजा सुनायी। अदालत ने उस पर सात लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी और उसे अधिकतम 40 साल की सजा काटनी होगी। छोटी बेटी के यौन उत्पीड़न के मामले में अदालत ने उसे तीन साल की सजा सुनाई और 1.85 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।