नई दिल्ली
मोबाइल पर आए मैसेज में दी गई वेबसाइट के नाम में सिर्फ .in और .gov.in के फर्क से अनजान लोग ई-चालान के नाम पर साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के अलग अलग हिस्सों में लोगों को उनके मोबाइल पर गाड़ी के चालान के मेसेज मिल रहे हैं। हो सकता है कि आप को इस तरह का मेसेज मिल जाए, इसलिए मेसेज को गौर से जरूर देखें। क्योंकि, मुमकिन है कि इसे 'साइबर ठगों के आरटीओ डिपार्टमेंट' ने भेजा हो। इसे लेकर दिल्ली पुलिस से लेकर तमाम संबंधित सरकारी एजेंसियां परेशान हैं। दिल्ली पुलिस ने लोगों को अलर्ट किया है, क्योंकि साइबर ठगों ने ट्रैफिक पुलिस की ही तरह ई-चालान भेजना शुरू कर दिया है। हूबहू से दिखने वाले ई-चालान मेसेज के लिंक पर क्लिक करने से साइबर अपराधियों के सीधे आपके अकाउंट तक पहुंचने का रास्ता खुल जाता है।
साइबर ठगों के पास ई-चालान का भुगतान
यह एक नए तरह का स्कैम है। लोगों को ऐसे टेक्स्ट मेसेज भेजे जा रहे हैं जो देखने में ऐसे लगते हैं जैसे वे ट्रैफिक पुलिस ने ही भेजे हों। मेसेज में लिखा होता है कि ‘आपने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है और उसका जुर्माना भरना होगा’। मेसेज में एक लिंक भी शामिल होता है जिस पर यूजर को जुर्माना भरने के लिए क्लिक करने का निर्देश दिया जाता है। इस लिंक पर क्लिक करने से एक फर्जी वेबसाइट खुलती है। उसके बाद पेमेंट भरने के ऑप्शन मिलते हैं। इसके अलावा कई बार लिंक के जरिए यूजर्स के फोन को भी हैक किया जाता है और पर्सनल डेटा चोरी कर लिया जाता है।
असली जैसे दिखने वाले ई-चालान का ‘स्कैम’
दिल्ली पुलिस अफसर के मुताबिक, असली चालान के मेसेज में इंजन नंबर, चेसिस नंबर जैसी जानकारी होती हैं। असली चालान के मेसेज के साथ आए लिंक पर क्लिक करने पर वह लिंक यूजर्स को सरकार की आधिकारिक साइट https://echallan.parivahan.gov.in पर रीडायरेक्ट करता है। नकली साइट का लिंक कुछ ऐसा https://echallan.parivahan.in/ है। इसमें .gov.in को हटा दिया गया है।
.gov.in नहीं है तो समझो फेक है
दिल्ली पुलिस अफसर के मुताबिक, साइबर ठगों की तरफ से आने वाले लिंक पर क्लिक कर भुगतान की कोशिश में लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। कोई भी यूजर क्लिक करता है और अपनी बैंक अकाउंट डिटेल या डेबिट-क्रेडिट कार्ड की जानकारी डालता है, वैसे ही हैकर्स सबसे पहले उसके फोन को हैक करते हैं। थोड़ी देर तक फोन को अपने कंट्रोल में रखकर बैंक खाते या डेबिट-क्रेडिट का पूरा बैलेंस साफ कर देते हैं। कभी भी ई-चालान का मेसेज किसी भी मोबाइल नंबर से नहीं आता है। जिस लिंक को खोलकर चालान का भुगतान कर रहे हैं, उस वेबसाइट का लिंक .gov.in पर खत्म होना चहिए। वहीं ई-चालान का मेसेज आने पर साइट पर जाकर भी जांच कर सकते है।
इन बातों का रखें ध्यान
1- चालान कटा है तो ऑफिशल वेबसाइट के जरिए ही पेमेंट करें
2- ठगी का शिकार हो गए हैं तो तुरंत नैशनल साइबर कंप्लेंट पोर्टल नंबर 1930 पर कॉल करें
3- www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं
4- पहचानें साइबर ठगों की https://echallan.parivahan.in साइट
5- अनजान नंबर से आए लिंक पर क्लिक न करें
6- किसी अटैचमेंट को डाउनलोड न करें
7- आप ऑफिशल वेबसाइट (.gov.in) पर जाकर डिटेल्स डालकर चेक करें