Johar36garh (Web Desk)|राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से विधायकों के खरीद फरोख्त के आरोपों पर सचिन पायलट की टीम की तरफ से सवाल किया गया है। राजस्थान सरकार में मंत्री पद से हटाए गए सचिन पायलट कैंप के रमेश मीणा ने गहलोत से सवाल पूछते हुए वो वक्त याद दिलाया जब मायावती की बहुजन समाज पार्टी के विधायकों ने पाला बदलकर कांग्रेस ज्वाइन किया था। मीणा भी उनमें से एक थे जिन्होंने पाल बदलकर कांग्रेस ज्वाइन किया था।
रमेश मीणा ने कहा- बीएसपी विधायकों ने दो बार अपनी पार्टी छोड़ी और कांग्रेस में आकर शामिल हो गए और दोनों ही वक्त गहलोत की सरकार में। उनके पहले कार्यकाल में गहलोत 4 विधायकों को कांग्रेस में लेकर आए। दूसरे कार्यकाल में वे 6 विधायकों को लेकर आए। उन्होंने कहा- आज वे करोड़ों के लेन-देन की बात कहते हैं। मैं मुख्यमंत्री से यह पूछना चाहता हूं कि कितने पैसे हमें दिए गए थे जब मैं कांग्रेस को ज्वाइन किया था? सच्चाई बताएं। धोखा था कि उन्होंने हमें बताया था कि विकास होगा।
रमेश मीणा ने आगे कहा- मुख्यमंत्री ने आज यह बयान दिया कि पैसे दिए और लिए गए। लोग उनके काम करने के तरीके से असंतुष्ट थे, नौकरशाह हावी था और नेता काम नहीं कर पा रहे थे। मुख्यमंत्री ने कभी हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया और अत्याचारी रवैया रहा।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने गहलोत का हवाला दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था- पैसों का ऑफर किया गया था और किसने स्पष्टीकरण दिया कि ऐसा कुछ नहीं हो रहा था? वो जो खुद षडयंत्र का हिस्सा था वे स्पष्टीकरण दे रहे हैं।
गौरतलब है कि सचिन पायलट को गहलोत सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों के आरोप में राजस्थान पुलिस (एसओजी) की तरफ से समन कर बयान देने के लिए बुलाया गया था। इसके साथ ही मुख्यमंत्री, चीफ व्हीप, कुछ मंत्री और नेताओं को भी समन किया गया था। लेकिन, इसे अपना अपमान मानते हुए गहलोत से नाराज होकर सचिन पायलट अपने समर्थकों के साथ गुरुग्राम आ गए और वहीं एक होटल में ठहरे हुए हैं।
राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में दो दिनों तक लगातार बुलाए जाने के बाद भी जब नहीं पहुंचे और कांग्रेस के कई नेताओं की तरफ से मनाने के प्रयास के बावजूद जब वे अपनी जिद पर अड़े रहे उसके बाद पार्टी ने उन्हें उप-मुख्यमंत्री और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया। पार्टी ने कहा कि वे बीजेपी की साजिश में हिस्सा हैं, हालांकि पायलट ने साफ कर दिया कि वे बीजेपी को ज्वाइन नहीं कर रहे हैं।
CM gave statement today that money is being offered & accepted. People were dissatisfied with his pattern of work, bureaucrats dominated & lawmakers were unable to work. CM never paid heed to our demands & had a tyrannical attitude: Ramesh Meena who was removed as #Rajasthan min pic.twitter.com/wsBMpxfUU0
— ANI (@ANI) July 15, 2020