JJohar36garh News|आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी वार्ड में इलाज कराने आईं एक मां गरीबी से तंग आकर अपने डेढ़ माह के मासूम बेटे को बेचने के लिए मजबूर हो गई. इमरजेंसी के बाहर वह मां चीखकर कही कि अपना बेटा बेच रही हूं. कोई खरीदना चाहे तो ले जाए. इतना सुनते ही वहां भीड़ जुट गई. मौके पर पहुँची पुलिस ने महिला को समझाया और मदद के रूप में 11 हजार रुपये दिए. पुलिस डॉक्टरों से बात कर इलाज शुरू करवाया.
बाल अधिकार कार्यकर्ता और महफूज़ संस्था के कोऑर्डिनेटर नरेश पारस के मुताबिक जब वह मंगलवार की दोपहर एसएन मेडिकल कॉलेज की तरफ गए थे. वहां उन्होंने एक महिला को अपने डेढ़ साल के मासूम बेटे की बोली लगाते हुए देखा. महिला अपने बेटे को गरीबी और भुखमरी से तंग आकर 10 हजार रुपये में बेचना चाहती थीं.
महिला का कहना है कि जिस स्थित से वह गुजर रहीं है, उसमें बेटे को पालन पोषण करना बहुत मुश्किल है. बेचने से बेटे को अच्छी जिंदगी मिल जाएगी और उसे 10 हजार रुपये में कुछ दिन के लिए रोटी खाने के पैसे भी मिल जाएंगे. महिला ने बताया कि उसका पति शराबी है और लॉकडाउन में उसका काम छूट गया है. महिला का पति जूते का काम करता था.
महिला ने बताया कि बेटे को उल्टी दस्त हो रहे थे तो वह डॉक्टर को दिखाने थी. उसके पास इतने भी रुपये नहीं है कि वह मासूम बेटे को डिब्बे का दूध ला सके. इसी तरह की स्थिति रही तो मासूम बेटा भूख से मर जाएगा. महिला ने कहा कि गरीबी के कारण उसने अपने 3 साल के बेटे को जेठानी को दे दिया.
इसकी सूचना एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद को मिली. उन्होंने इंस्पेक्टर सदर जितेंद्र कुमार को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भेजा. महिला को सदर बाजार थाने की तरफ से 11 हजार रुपये दिए गए. इंस्पेक्टर ने बताया कि सरकारी मदद के लिए अधिकारियों से बात की जाएगी. इसके संबध में उन्होंने एसपी सिटी से अपील भी की है.