गजल सम्राट पंकज उधास का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है. कानों में अमृत घोलने वाली अपनी सुरीली आवाज से लोगों के दिलों तक अपनी बात सुरों के माध्यम से पहुंचाने वाले पंकज उधास ने 72 साल की उम्र में आखिरी सांस ली है. बताया जा रहा है कि वह लंबे वक्त से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. उनके चाहने वाले लाखों फैंस अपने-अपने अंदाज में उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. ऐसे में उनके कई किस्से चर्चा का विषय बने हुए हैं.
पंकज उधास का जीवन वैसे तो बहुत सादगी भरा रहा है और उन्होंने पूरे जीवन भर संगीत की साधना की है. लेकिन उनके जीवन के कुछ ऐसे किस्से भी हैं जो उन्होंने कभी-कभार दिए अपने इंटरव्यू में बयान किए हैं. इन्ही किस्सों में से एक है वह किस्सा जब पंकज उधास को बंदूक की नोक पर गजल गानी पड़ी थी. इतना ही नहीं अपने मर्जी के बिना उन्होंने गजल को पूरा किया और इसके बाद घर वापस लौटे थे.
फरमाइश को किया नजरअंदाज
जी हां, एक मशहूर हस्ती के साथ भी ऐसा हो सकता है? यही सवाल हर किसी के जेहन में था जब उन्होंने इस किस्से का जिक्र किया था. लेकिन पंकज उधास ने खुद इस बात का जिक्र किया था और बताया था कि उस वक्त वह अपने आप को कितने मजबूर महसूस कर रहे थे. उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने उनके ऊपर बंदूक तानी थी उनका व्यवहार अच्छा नहीं था. इस वजह से उन्होंने उनकी गजल की फरमाइश को नजरअंदाज कर दिया था.
25 साल पुराना किस्सा
इंटरव्यू में पंकज ने कहा था कि उन्हें 25 साल पुराना मामला याद आ रहा है जब उन्होंने एक लॉन्ग कॉन्सर्ट में फरफॉर्म किया था. पंकज ने कहा था कि वह इस दौरान 4-5 गजलें गा चुके थे. इसके बाद उनके पास एक शख्स आया और कहा कि उसे फलां-फलां गजल सुनना है. इस पर पंकज उधास भड़क गए और उन्होंने तुरंत उस शख्स से कहा कि वह कोई गुलाम नहीं हैं जो उसके कहे पर गजल सुनाएंगे. पंकज ने कहा कि उसका व्यवहार ठीक नहीं था.
किस्से को आगे सुनाते हुए पंकज बोले कि उस शख्स ने उनकी तल्खी देखकर अपने जेब में हाथ डाला. उस वक्त गजल के कार्यक्रम में लोग उनके ऊपर नोट उड़ाया करते थे तो उन्हें लगा कि वह पैसे निकाल रहा है. देखते ही देखते उस शख्स ने अपनी जेब से पिस्टल निकाल ली और उनके ऊपर तान दी. इसके बाद पंकज घबरा गए. हालांकि इसके बाद उन्होंने मजबूरी में फरमाइश की हुई गजल गाई और कॉन्सर्ट पूरा किया.